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संघर्ष से सफलता तक... खेल जगत में धूम मचा रहीं बिहार की ये तीन बेटियां, सुनाईं अपनी स्टोरीज

बिहार की तीन महिला खिलाड़ियों ने कठिनाइयों के बावजूद खेल जगत में अपनी पहचान बनानी शुरू की है. इनसे आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की ओर से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है.

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निशि कुमारी, अंशिका कुमारी और अल्पना कुमारी खेल जगत में अपनी पहचान बना रही हैं. (Photo: Screengrab)
निशि कुमारी, अंशिका कुमारी और अल्पना कुमारी खेल जगत में अपनी पहचान बना रही हैं. (Photo: Screengrab)

इंडिया टुडे वुमन समिट 2025 में बिहार की युवा खिलाड़ियों निशि कुमारी (जैवलिन थ्रोअर), अंशिका कुमारी (तीरंदाज) और अल्पना कुमारी (रग्बी प्लेयर) ने भी भाग लिया. इन तीनों ने 'Fields of Glory: Trailblazers of Bihar' सत्र के दौरान खेल जगत में अपनी सफलता के सफर को साझा किया. इन तीनों खिलाड़ियों ने कठिनाइयों के बावजूद खेल जगत में अपनी पहचान बनाई है और इनसे आने वाले समय में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है.

निशि कुमारी को जैवलिन (भाला फेंक) शुरू करने की सलाह स्कूल टीचर ने दी. निशि को अपने भाई और माता-पिता का भी सपोर्ट मिला. निशि यूट्यूब वीडियोज देखकर मैदान पर उतरती थीं. ग्राउंड पर कोई कोच भी तब उन्हें कुछ बताने के लिए नहीं होता था. धीरे-धीरे निशि की ये जर्नी आगे बढ़ती चली गई. निशि ने कहा कि बच्चे जिस भी फील्ड में हों, माता-पिता को उन्हें पूरा सपोर्ट करना चाहिए.

जैवलिन खिलाड़ियों के स्पाइक्स 15 से 20 हजार रूपये में आते हैं, ऐसे में राज्य सरकार ने निशि कुमारी को स्पाइक्स उपलब्ध करवाए. साथ ही सरकार की ओर से जैवलिन भी दिलाए गए. निशि की मेहनत रंग लाई और नेशनल लेवल पर मेडल जीत कर आईं. स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा भी निशि कुमारी की प्रतिभा से काफी प्रभावित हैं. निशि की नीरज चोपड़ा से मुलाकात हैदराबाद में हुई थी. नीरज ने निशा से कहा कि वो आगे बढ़ सकती हैं, बस उन्हें मेहनत करनी होगी और इस गेम पर पूरी तरह फोकस रखना होगा.

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तानों से विचलित नहीं हुईं अंशिका
तीरंदाज अंशिका कुमारी ने भी तीरंदाजी पहली बार स्कूल में ही करनी शुरू की थी. आर्चरी के लिए यूज में आने वाले उपकरण काफी महंगे होते हैं, ऐसे में अंशिका के लिए ये अच्छी बात थी कि उनके स्कूल में आर्चरी करने के लिए जरूरी उपकरण मौजूद थे. अंशिका ने रोल मॉडल अपनी मां को बताया. अंशिका ने बताया कि उन्हें भी राज्य सरकार से अच्छा सहयोग मिल रहा है.

रग्बी खिलाड़ी अल्पना कुमारी ने कहा कि जब उन्होंने रग्बी शुरू की थी कि लोग कहते थे कि वो कुछ नहीं कर सकती हैं. लड़के भी उनपर फब्तियां कसते थे. लेकिन अल्पना लोगों के तानों से विचलित नहीं हुईं. अल्पना के लिए अच्छी बात यह रही कि उन्हें माता-पिता का पूरा सपोर्ट मिला. अल्पना ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से भी उन्हें काफी सपोर्ट मिला और किट वगैरह उपलब्ध कराए गए. करियर की शुरुआत में अल्पना एक्सीडेंट में चोटिल हो गई थीं, हालांकि उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. माता-पिता ने उन्हें काफी मोटिवेट किया.

खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 की मेजबानी बिहार ने की थी, जो राज्य सरकार के लिए बड़ी उपलब्धि रही. इस आयोजन के जरिए इस राज्य के खिलाड़ियों को नया मंच मिला. निशि कुमारी, अंशिका कुमारी और अल्पना कुमारी ने बताया है कि अगर सपनों में जान हो और साथ में परिवार का भरोसा हो, तो मुश्किलों से आसानी से पार पाया जा सकता है.

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