फिलीपींस में एशियाई वूमेन्स वॉलीबॉल कप का आयोजन हो रहा है. इस टूर्नामेंट में चीन की राष्ट्रीय महिला वॉलीबॉल टीम भी भाग ले रही है जो एक खास वजह से सुर्खियों में है. दरअसल ईरान के खिलाफ एक मुकाबले के दौरान चीनी खिलाड़ियों ने मैच को खेलते समय N95 मास्क पहन रखा था, जिसे लेकर चीनी सोशल मीडिया पर लोग काफी गुस्से में हैं.
मैच खेलते हुए चीनी खिलाड़ियों की तस्वीरें तेजी से वायरल हुई. चीन के सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर इस लेकर एक करोड़ 60 लाख से ज़्यादा व्यूज़ थे. इंटरनेट पर कई लोगों ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि चीन की जीरो कोविड पॉलिसी के तहत खिलाड़ियों के स्वास्थ्य को काफी नुकसान पहुंचाया जा रहा है.
वॉलीबॉल एसोसिएशन ने मांगी माफी
हालांकि चीनी खिलाड़ियों ने बाद में दूसरे सेट के लिए मास्क को हटा दिया और बाद में चीन की टीम 3-1 से मुकाबला जीतने में भी सफल रही. चीन के वॉलीबॉल एसोसिएशन ने बाद में माफी मांगते हुए कहा कि ये फैसला अनुभव की कमी के कारण लिया गया था.
ग्लोबल टाइम्स के पूर्व संपादक ने कही ये बात
कम्युनिस्ट पार्टी के ग्लोबल टाइम्स अखबार के पूर्व मुख्य संपादक हू जिजिन ने कहा, 'यह घटना राजनीतिक नहीं थी या कोविद पॉलिसी से जुड़ी नहीं थी. इसके बजाय यह मैच की विशिष्ट स्थिति के कारण विकसित हुआ. मैं हमेशा वायरस के प्रति सख्त प्रोटोकॉल का विरोध करता रहा हूं. मैंने खेल के दौरान महिला वॉलीबॉल टीमों के मास्क पहने होने की रिपोर्ट देखी है क्योंकि मैदान पर संक्रमण की अनिश्चितता है. लेकिन प्रेशर वाले मुकाबलों में मास्क पहनना लोगों के लिए स्पष्ट रूप से बुरा है.
कई वैज्ञानिक रिपोर्टों से पता चलता है कि व्यायाम के दौरान मास्क पहनने से श्वसन, हृदय गति, ऑक्सीजन का स्तर या एथलीट का प्रदर्शन प्रभावित नहीं होता है. लेकिन यह हाई प्रेशर वाली परिस्थितियों में यह प्रयास करने के लेवल को बदल देता है और तकलीफ बढ़ाता है.
वुहान से फैला था पहली बार कोरोनावायरस
चीन के वुहान शहर से ही कोरोनावायरस ने दुनिया में दस्तक दी थी. साल 2020 की शुरुआत में दुनिया का पहला लॉकडाउन वुहान में ही लगाया गया था जिसके चलते वहां लोग महीने कुछ महीनों तक अपने घरों से बाहर नहीं निकल पाए थे. कोरोनावायरस को लेकर चीन की मौजूदा पॉलिसी को लेकर वहां की जनता अब भी सवाल खड़ी करती रहती है.