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अभिमन्यु मिश्राः सबसे कम उम्र का चेस चैम्पियन, कड़ी मेहनत, फोन से दूरी और मां के इस 'टोटके' से मिला मुकाम

भारतीय मूल के अभिमन्यु मिश्रा (Abhimanyu Mishra) सबसे कम उम्र के चेस ग्रैंडमास्टर बन गए हैं. रिकॉर्ड बनाने वाले दिन अभिमन्यु की उम्र 12 साल, 4 महीने और 25 दिन थी.

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अभिमन्यु मिश्रा अब सबसे कम उम्र के चेस ग्रेंडमास्टर हैं
अभिमन्यु मिश्रा अब सबसे कम उम्र के चेस ग्रेंडमास्टर हैं
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अभिमन्यु मिश्रा दुनिया के सबसे युवा चेस ग्रैंडमास्टर बने हैं
  • अभिमन्यु ने यह रिकॉर्ड 12 साल की उम्र में अपने नाम किया

हर चैंपियन के चैंपियन बनने के पीछे बहुत सी मेहनत, बलिदान और किस्से होते हैं. अभिमन्यु मिश्रा (Abhimanyu Mishra) जो कि सबसे कम उम्र में चेस ग्रैंडमास्टर बन गए हैं, उनसे जुड़ी कुछ ऐसी बातें भी सामने आई हैं. महज 12 साल की उम्र में चेस ग्रैंडमास्टर (youngest chess grandmaster) बने अभिमन्यु मिश्रा ढाई साल की उम्र से चेस से जुड़ गए थे.

इंडिया टुडे से बात करते हुए अभिमन्यु मिश्रा के पिता ने बताया कि उन्हें बचपन से ही फोन, आईपैड की आदत लगाने की जगह चेस थमाई गई, जिसका फायदा भी देखने को मिला. वहीं अभिमन्यु की मां ने उनके 'अंधविश्वास' से जुड़ी एक बात बताई. इसमें वह जानबूझकर अभिमन्यु के किसी मैच को लाइव नहीं देखती हैं और बेटी (अभिमन्यु की बहन) रिदिमा से मैच की जानकारी लेती रहती हैं. 

12 साल की उम्र में ग्रांडमास्टर बने अभिमन्यु मिश्रा

भारतीय मूल के 12 वर्षीय अभिमन्यु मिश्रा चेस के सबसे कम उम्र के ग्रांडमास्टर बन चुके हैं. इससे पहले ये रिकॉर्ड 12 साल, 7 महीने के जीएम सर्गेई कार्जकिन (GM Sergey Karjakin) के नाम था. उन्होंने ये रिकॉर्ड साल 2002 में बनाया था. अभिमन्यु मिश्रा अमेरिका के न्यू जर्सी में रहते हैं. अब वे पूरी दुनिया में सबसे कम उम्र में चेस के ग्रैंडमास्टर बन गए हैं. रिकॉर्ड बनाने वाले दिन अभिमन्यु की उम्र 12 साल, 4 महीने और 25 दिन थी. उनको यह जीत बुडापेस्ट में हुए वेजेर्केप्जो जीएम मिक्स टूर्नामेंट में मिली.

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अभिमन्यु मिश्रा दुनिया के सबसे युवा चेस ग्रैंडमास्टर बने हैं

अभिमन्यु  ने 15 साल के भारतीय खिलाड़ी ग्रैंडमास्टर लीओन ल्यूक मेंडोंका (Leon Luke Mendonca) को हराकर ये रिकॉर्ड बनाया है.

बातचीत में अभिमन्यु मिश्रा ने बताया कि जीत के बाद उन्हें काफी खुशी है, जिसे वह ऐसे बयां नहीं कर सकते. न्यू जर्सी में मौजूद उनकी मां स्वाति ने कहा कि उन्होंने अभिमन्यु के मैच को लाइव नहीं देखा था, वह कभी भी ऐसा नहीं करती. क्योंकि उन्हें लगता है कि ऐसा करने से कुछ अशुभ होगा, मतलब अभिमन्यु हार सकते हैं. 

अभिमन्यु के पिता हेमंत उनके साथ टूर्नामेंट के लिए हंगरी गए थे. उन्होंने बताया कि जब अभिमन्यु ढाई साल के थे तब उनको पहली बार चेस दी गई थी. पिता ने कहा, 'हमने इसका ध्यान फोन, आईफोन की जगह चेस की तरफ लगवाया. फिर 5 साल की उम्र तक यह चेस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने लगा.'

हेमंत और अभिमन्यु दोनों ने माना कि उनके कोच ग्रैंडमास्टर अरुण प्रसाद, ग्रैंडमास्टर महेश की वजह से उन्हें यह मुकाम पाने में मदद मिली.

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