Raghu Raghvendra Team India World cup 2023: टीम इंडिया वर्ल्ड कप 2023 में प्रचंड फॉर्म में हैं. बल्लेबाजों से लेकर फास्ट बॉलर्स, स्पिनर्स धाकड़ फॉर्म में हैं. विराट कोहली, रोहित शर्मा, केएल राहुल बल्लेबाजी में धमाका कर रहे हैं तो गेंदबाजी में जसप्रीत बुमराह, कुलदीप यादव, मोहम्मद सिराज गजब फॉर्म में हैं. वहीं, न्यूजीलैंड के खिलाफ तो मोहम्मद शमी ने 22 अक्टूबर को गेंदबाजी में 'पंजा' जड़कर साबित कर दिया कि अगर मौका मिले तो वह भी किसी से कम नहीं हैं.
इन सबके बीच सबसे खास बात यह रही कि भारतीय टीम ने इस 'वर्ल्ड कप' में शॉर्ट ऑफ लेंथ/बाउंसर (छोटी गेंद) पर कमजोरी नहीं दिखी है. रोहित शर्मा तो वैसे भी पुल शॉट के मास्टर हैं ही, वहीं टीम इंडिया के अन्य बल्लेबाज भी ऐसी गेंदों पर रन बनाने में पीछे नहीं रहे हैं. लेकिन इसके पीछे टीम इंडिया के सपोर्ट स्टाफ में शामिल रघु राघवेंद्र (Raghu Raghvendra) शामिल हैं.
पाकिस्तान के खिलाफ इसी वर्ल्ड कप में विराट कोहली पुल शॉट खेलते हुए छोटी गेंद पर ही 16 रन बनाकर आउट हुए थे. वहीं, किंग कोहली की कई मैचों में पुल शॉट पर कमजोरी दिखी है. कोहली न्यूजीलैंड के खिलाफ 22 अक्टूबर को खेलने उतरे तो उनकी 95 रनों की पारी में एक बार गौर करने वाली थी कि इस स्टार बल्लेबाज का कोई भी 'पुल शॉट' हवा में नहीं था. उन्होंने कीवी गेंदबाजों की सभी बाउंसर का डटकर सामना किया और अपनी पारी में सभी शॉट ग्राउंडेड खेले.

ऐसे में टीम इंडिया में रघु राघवेंद्र की भूमिका सबसे अहम हो जाती है. आखिर रघु राघवेंद्र कौन हैं? उनका टीम इंडिया में भूमिका क्या है तो उनके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं.
कौन हैं थ्रो डाउन स्पेशलिस्ट रघु ?
विराट कोहली ने तमीम इकबाल संग एक इंस्टाग्राम लाइव वीडियो में कहा था कि 'थ्रो डाउन स्पेशलिस्ट' रघु की साइडआर्म से 150-155 KM प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद निकलती है. हाल के सालों में कुछ सालों में में तेज गेंदबाजी के खिलाफ भारतीय बल्लेबाजों के सुधार करने में अहम योगदान है.
कोहली ने तब तमीम इकबाल को बताया था, 'मेरा मानना है कि 2013 के बाद से टीम इंडिया ने तेज गेंदबाजी में जो सुधार दिखाया है, उसके पीछे रघु हैं. उनके पास खिलाड़ियों के फुटवर्क, बैट मूवमेंट को लेकर अच्छे कॉन्सेप्ट हैं.' विराट ने कहा था साइडआर्म से आसानी से 155 KM प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंकते हैं.

क्यों हैं रघु खास, उनके पास कौन सा उपकरण?
कोहली ने तब रघु के बारे में यह भी कहा था कि नेट्स में खेलने के बाद जब आप मैच में जाते हैं तो आपको लगता है कि आपके पास काफी समय है. साइडआर्म एक क्रिकेट उपकरण है जो एक लंबे चम्मच के आकार का होता है, जिसके दूर के सिरे को गेंद को पकड़ने और तेज गति से फेंकने के लिए लिहाज से डिजायन किया गया है. इसी का उपयोग रघु करते हैं.
क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 की फुल कवरेज
वह अक्सर टीम इंडिया की फील्डिंग के दौरान बाउंड्री लाइन के पीछे मुस्तैद रहते हैं और टीम इंडिया के खिलाड़ियों की मदद करते हैं. कई बार वो खिलाड़ियों को पानी देते हुए, जूते से मिट्टी निकालकते हुए नजर आ चुके हैं. उनकी इस सरलता ने कई बार सोशल मीडिया पर क्रिकेट फैन्स का दिल भी जीता है.

सचिन-धोनी-द्रविड़ को करवाई प्रैक्टिस
कर्नाटक से ताल्लुक रखने वाले रघु ने 90 के दशक के आखिर में पढ़ाई छोड़कर मुंबई आ गए थे. वह क्रिकेट में ही करियर बनाना चाहते थे, पर वह बेंगलुरु में नेशनल क्रिकेट अकादमी (NCA) चले गए. जहां वह ट्रेनिंग और रिहैब के लिए आए भारतीय खिलाड़ियों को थ्रो डाउन देते थे. NCA में ही उन्होंने नेट्स पर घंटों समय बिताकर अपनी इस स्किल्स को डेवलप किया.
राहुल द्रविड़ रघु से इंप्रैस हो गए. 2000 के दशक में उन्होंने टीम इंडिया के लिए भी थ्रो डाउन किया. कई बार वो अकेले ही तीन या चार घंटे खाली नेट पर बॉल फेंकते थे. इसके बाद द्रविड़ की तरह मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर भी रघु के 15 गज की दूरी से गेंद फेंकने को लेकर इंप्रैस हो गए. तेंदुलकर ने इसके बाद रघु को मुंबई बुलाया और उनके साथ ट्रेनिंग की. जब द्रविड़ और तेंदुलकर ने रघु की तारीफ को तो तो उन्हें औपचारिक रूप से 2011 में टीम इंडिया में बतौर स्टाफ शामिल किया गया. "थ्रो डाउन स्पेशलिस्ट" रघु महेंद्र सिंह धोनी को प्रैक्टिस करवा चुके हैं.
कौन हैं टीम इंडिया के सपोर्ट स्टाफ में शामिल?
टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़ हैं. बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ हैं. फील्डिंग कोच टी. दिलीप हैं. इसके अलावा हरि प्रसाद मोहन (Hari Prasad Mohan) गेम डाटा एनालिस्ट हैं. जबकि अरुण कनाडे (Arun Kanade) टीम इंडिया के मसाज थेरेपिस्ट हैं. वर्ल्ड कप 2023 की टीम में स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच सोहम देसाई (Soham Desai) भी शामिल हैं. इसके अलावा टीम इंडिया में और भी सपोर्ट स्टाफ हैं.