इंडियन प्रीमियर लीग में कथित सट्टेबाजी और स्पॉट फिक्सिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट कई मुद्दों पर गुरुवार को अहम फैसला सुनाएगा. इसमें बीसीसीआई के निर्वासित अध्यक्ष एन श्रीनिवासन से जुड़ा हितों के टकराव का मामला भी शामिल है.
कौन कहता है कि निर्दोष हैं एन श्रीनिवासन?
जस्टिस टीएस ठाकुर और एफएमआई कलीफुल्ला की बेंच ने पिछले साल 17 दिसंबर को इस मामले में अपना आदेश सुरक्षित रखा था. इस मामले में अगस्त 2013 से कई अंतरिम आदेश पारित किए जा चुके हैं जिसमें पंजाब एवं हरियाणा के पूर्व चीफ जस्टिस मुकुल मुद्गल के नेतृत्व में तीन सदस्यीय समिति का गठन भी शामिल है.
श्रीनिवासन, उनके दामाद गुरुनाथ मयप्पन, राजस्थान रॉयल्स के मालिक राज कुंद्रा, क्रिकेट प्रशासक सुंदर रमन की जस्टिस मुदगल समिति ने जांच की थी. समिति को निश्चित व्यक्तियों द्वारा गलत काम का पता चला था और उसने इन्हें आईपीएल छह प्रकरण का दोषी ठहराया था.
श्रीनिवासन से जुड़े हितों के टकराव का मामला भी समीक्षा के दायरे में आया था क्योंकि वह सिर्फ बीसीसीआई के अध्यक्ष ही नहीं थे बल्कि इंडिया सीमेंट्स के प्रबंध निदेशक भी थे जो कंपनी आईपीएल टीम चेन्नई सुपरकिंग्स की मालिक है. मुद्गल समिति के मुताबिक इस टीम में श्रीनिवासन का दामाद अधिकारी था और कथित तौर पर सट्टेबाजी में शामिल रहा.
इनपुट-भाषा