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Virat Kohli: रवि शास्त्री ने दी कोहली को रामबाण सलाह, कहा- ऐसा किया तो धूम मचा देंगे

विराट कोहली अब तीनों फॉर्मेट (टेस्ट, वनडे, टी20) में भारतीय टीम के कप्तान नहीं हैं. ऐसे में टीम में उनकी जगह बल्लेबाजी फॉर्म के आधार पर ही बरकरार रह सकती है....

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Virat Kohli (Twitter)
Virat Kohli (Twitter)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोहली ने टी20 और टेस्ट की कप्तानी छोड़ी
  • बीसीसीआई ने वनडे की कप्तानी छीनी

विराट कोहली अब तीनों फॉर्मेट (टेस्ट, वनडे, टी20) में भारतीय टीम के कप्तान नहीं हैं. ऐसे में टीम में उनकी जगह बल्लेबाजी फॉर्म के आधार पर ही बरकरार रह सकती है. इसको लेकर पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री ने कोहली को एक रामबाण सलाह दी है. उन्होंने कहा कि यदि कोहली ने यह सलाह मानी तो अगले 5 साल धूम मचा देंगे.

रवि शास्त्री ने शोएब अख्तर के यूट्यूब चैनल पर कहा कि मैंने सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर से महेंद्र सिंह धोनी तक कई ग्रेट्स को देखा है, जिन्होंने खेल पर ध्यान देने के लिए कप्तानी छोड़ी है. मुझे लगता है कि कोहली 33 साल के हो गए. ऐसे में उन्हें लगा कि वे अगले 5 साल और क्रिकेट खेल सकते हैं, इसलिए यह फैसला लिया.

कोहली को 2-3 महीने आराम लेना चाहिए

पूर्व कोच ने कहा कि यदि कोहली शांत रहें, बल्लेबाजी पर फोकस करें, एक समय में एक ही खेल खेलें, हो सके तो कुछ समय के लिए ब्रेक ले लें. मुझे लगता है कि यदि वे 2-3 महीने या किसी एक सीरीज से ब्रेक ले लें, तो वे अगले कुछ सालों तक क्रिकेट में धूम मचा सकते हैं.

विराट को किंग की तरह खेलना चाहिए

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रवि शास्त्री ने कहा कि ब्रेक के बाद कोहली को वापसी करनी चाहिए और अगले 3-4 साल किंग की तरह क्रिकेट खेलना चाहिए. बिल्कुल किंग के दिमाग में पूरी रह क्लियरिटी होती है. वह जानते हैं कि उनकी भूमिका क्या है और उन्हें टीम में बतौर खिलाड़ी खेलना है. यही सब मैं भी देखना चाहता हूं कि बतौर खिलाड़ी वे टीम में बेहतरीन योगदान दें और टीम को मैच जिताएं. यही महानता होगी, जो वे आगे की पीढ़ी के लिए छोड़कर जाएंगे.

गले तक बात आ जाए, तो छोड़ ही देना चाहिए

उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में बायो-बबल के बीच तीनों फॉर्मेट की कप्तानी काफी कठिन है. यह कोहली को महसूस हुआ होगा. बतौर कप्तान आप आराम भी नहीं ले सकते. उन्होंने व्हाइट बॉल क्रिकेट से कप्तानी छोड़कर सही किया, लेकिन जब उन्होंने टेस्ट की कप्तानी छोड़ी तो मुझे बेहद हैरानी हुई. क्योंकि पिछले पांच साल से भारतीय टीम नंबर-1 रही थी. एक सीरीज में हार का मतलब यह नहीं कि कप्तानी ही छोड़ दें.

हालांकि, हमें एक क्रिकेटर के फैसले का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि हमें नहीं पता कि वे क्या महसूस कर रहे हैं. जब गले तक बात आ जाए, तो एक समय लगता है कि छोड़ ही देना चाहिए.

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