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Ajit Wadekar: भारतीय टीम के धांसू कप्तान अजीत वाडेकर... जिन्होंने अंग्रेजों से 2 बार वसूला था लगान

भारतीय टीम में एक ऐसे भी कप्तान हुए, जिन्होंने हमारे क्रिकेट इतिहास को यादगार पल दिए. ये वो कैप्टन थे, जो सफलतम भारतीय कप्तानों विराट कोहली, सौरव गांगुली, महेंद्र सिंह धोनी, मोहम्मद अजहरुद्दीन और कपिल देव से कुछ हटकर रहे. बात हो रही है अजीत वाडेकर की. जिनकी कप्तानी में भारत ने लगातार तीन टेस्ट सीरीज जीत दर्ज की.

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Ajit Wadekar (@Getty Images)
Ajit Wadekar (@Getty Images)

भारतीय क्रिकेट के इतिहास में जब भी सफलतम कप्तानों का जिक्र होता है तो विराट कोहली, सौरव गांगुली, महेंद्र सिंह धोनी, मोहम्मद अजहरुद्दीन और कपिल देव जैसे दिग्गजों का नाम सबसे पहले जेहन में आता है. मगर एक ऐसे भी कप्तान हुए, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट इतिहास को सबसे यादगार पल दिए. बात हो रही है अजीत लक्ष्मण वाडेकर की. वाडेकर की आज (1 अप्रैल) 83वीं जयंती है. वाडेकर का जन्‍म 1 अप्रैल 1941 में मुंबई (तत्कालीन बंबई) में हुआ था. साल 2018 में 77 साल की उम्र में वाडेकर दुनिया को अलविदा कह गए.

वाडेकर ने अपनी कप्तानी में बनाया था ये रिकॉर्ड

अजीत वाडेकर ऐसे पहले भारतीय कप्तान थे, जिनकी कप्तानी में भारत ने लगातार तीन टेस्ट सीरीज जीत हासिल की. उनकी कप्तानी में भारत ने साल 1971 में वेस्टइंडीज को 1-0 (5) और इंग्लैंड को 1-0 (3) से हराया. इसके बाद 1972-73 में वाडेकर की कप्तानी में भारत ने अपने घर पर भी इंग्लैंड को 2-1(5) से मात दी. यानी वाडेकर की कप्तानी में भारत ने अंग्रेजों से दोहरा लगान वसूला. देखा जाए तो वाडेकर ऐसे पहले कप्तान थे, जिनकी कप्तानी में भारत ने वेस्टइंडीज और इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज जीत हासिल की.

बात 1971 के ऐतिहासिक वेस्टइंडीज दौरे की करते हैं. उस साल अजीत वाडेकर की कप्तानी में फरवरी-अप्रैल के दौरान भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेली. पहला टेस्ट मैच ड्रॉ होने के बाद वाडेकर की कप्तानी में भारत ने पोर्ट ऑफ स्पेन टेस्ट (6-10 मार्च) को 7 विकेट से जीता, जो वेस्टइंडीज की धरती पर टीम इंडिया पहली टेस्ट जीत थी. फिर भारत ने बाकी के तीन टेस्ट ड्रॉ कराकर सीरीज को 1-0 से अपने नाम किया. भारत की वेस्टइंडीज में ये पहली टेस्ट सीरीज जीत रही.

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उसी सीरीज में महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने भी डेब्यू किया था. गावस्कर ने 4 टेस्ट मैचों में रिकॉर्ड 774 रन (दोहरा शतक सहित 4 शतक और तीन अर्धशतक) बनाए थे. इस दौरान गावस्कर का एवरेज 154.80 का रहा था. यह आज भी डेब्यू करते हुए पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में सर्वाधिक रन बनाने का विश्व रिकॉर्ड है.

...जब ओवल टेस्ट में मिली ऐतिहासिक जीत

फिर भारत ने 1971 में ही जुलाई-अगस्त के दौरान इंग्लैंड में तीन मैचों की टेस्ट सीरीज खेली. लॉ‌र्ड्स और ओल्ड ट्रेफर्ड में खेले गए शुरुआती दोनों टेस्ट ड्रॉ रहे. इसके बाद वाडेकर की कप्तानी में भारत ने ओवल टेस्ट (19-24 अगस्त) को 4 विकेट से जीता. यह इंग्लैंड की धरती पर भारत की पहली टेस्ट जीत के साथ-साथ पहली सीरीज भी जीत रही.

ओवल टेस्ट में भारतीय टीम की जीत काफी खास रही क्योंकि पहली पारी में वह 71 रनों से पिछड़ गई थी. दूसरी पारी में भारत ने भगवत चंद्रशेखर के छह विकेट्स की मदद से इंग्लैंड को महज 101 रनों पर ढेर कर दिया. इंग्लैंड के खिलाफ उस सीरीज में भारत की ओर से कप्तान अजीत वाडेकर ने सबसे ज्यादा 204 रन बनाए. जबकि भगवत चंद्रशेखर, एस. वेंकटराघवन और बिशन सिंह बेदी की स्पिन तिकड़ी ने क्रमशः 13, 13 और 11 विकेट हासिल किए.

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ओवल टेस्ट में जीत का जश्न मनाते अजीत वाडेकर और चंद्रशेखर, क्रेडिट: (Getty)

वाडेकर का ऐसा रहा क्रिकेटिंग रिकॉर्ड

अजीत वाडेकर ने भारत के लिए 37 टेस्ट मैचो में 31.07 की औसत से 2113 रन बनाए, जिसमें एक शतक और 14 अर्धशतक शामिल रहे. वाडेकर ने भारत के लिए दो वनडे मैच भी खेले, जिसमें उन्होंने 73 रन बनाए. अजीत वाडेकर ने 1971-1974 के दौरान कुल 16 टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी की. इस दौरान भारत को 4 टेस्ट मैचों में जीत और इतने में ही हार मिली. जबकि 8 टेस्ट मैच ड्रॉ रहे. वाडेकर न्यूजीलैंड (1967-68), वेस्टइंडीज (1971) और इंग्लैंड (1971) की धरती पर भारत की पहली टेस्ट जीत टीम का हिस्सा थे. वेस्टइंडीज और इंग्लैंड में तो वह भारत के कप्तान थे, जबकि न्यूजीलैंड में नवाब पटौदी ने कप्तानी की थी.

अजीत वाडेकर का फर्स्ट क्लास करियर काफी शानदार रहा था. वाडेकर ने 237 प्रथम श्रेणी मैचों में 47.03 की औसत से 15380 रन बनाए. इस दौरान उनके बल्ले से 36 शतक और 84 अर्धशतक निकले. उन्होंने 1966-67 के रणजी ट्रॉफी मैच में मैसूर के खिलाफ 323 रनों की शानदार पारी खेली थी. वाडेकर 1992 से 1996 तक भारतीय टीम के मैनेजर (कोच) रहे. इस दौरान अजहरुद्दीन की कप्तानी में भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ 3-0 से सीरीज जीत के साथ लगातार 14 टेस्ट मैचों में अविजित रहने का उल्लेखनीय प्रदर्शन किया था. साल 1967 में भारत सरकार ने अजीत वाडेकर को अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया था. इसके बाद 1972 में उन्हें पद्मश्री भी मिला.

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