India vs SA, Pujara-Rahane: लंबे समय से सवालों के घेरे में रहे चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे ने जोहानिसबर्ग टेस्ट की दूसरी पारी में शानदार खेल दिखाते हुए भारतीय टीम को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक और टेस्ट जीत के करीब लाकर खड़ा कर दिया है. दोनों सीनियर खिलाड़ियों ने बेहतरीन काउंटर अटैक करते हुए 23 ओवरों में 111 रनों की साझेदारी की. इस साझेदारी की बदौलत भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका को 240 रनों का लक्ष्य दे पाई.
नंबर-3 पर बल्लेबाजी करने वाले चेतेश्वर पुजारा 86 गेंदों में 53 रन बनाए और अजिंक्य रहाणे ने 78 गेंदों में 58 रन बनाए. दोनों खिलाड़ियों की इस पारी से उनपर दबाव कुछ हल्का जरूर हुआ होगा. इस सीरीज से पहले दोनों खिलाड़ियों पर टीम से बाहर होने का दबाव भी बन रहा था. भारतीय टीम मैनेजमेंट ने दोनों पर भरोसा जताते हुए इन्हें दक्षिण अफ्रीका सीरीज में भी मौका दिया और जोहानिसबर्ग में दोनों खिलाड़ियों ने अहम पारियां खेलीं.
इन युवाओं को करना पड़ेगा इंतजार
इनकी पारियों के बाद टीम इंडिया में मौजूद युवा खिलाड़ियों को अपने मौकों के लिए थोड़ा और इंतजार करना पड़ा सकता है. टीम इंडिया में इस वक्त 3 युवा खिलाड़ी श्रेयस अय्यर, हनुमा विहारी और सूर्यकुमार यादव जो अपने मौकों का इंतजार कर रहे हैं. श्रेयस अय्यर ने कानपुर में हुए अपने डेब्यू टेस्ट में शतकीय पारी खेली थी. हनुमा विहारी भी लगातार टीम इंडिया के लिए मिले मौकों पर बेहतरीन बल्लेबाजी करते दिखते हैं. हालांकि कुछ पूर्व खिलाड़ियों का मानना है कि अजिंक्य रहाणे की जगह अभी भी खतरे में बनी हुई हैं.
रहाणे पर सवाल बरकरार
दरअसल रहाणे पिछले काफी समय से बल्ले से फेल रहे. बीच-बीच में उनके बल्ले से एक खास पारी निकलती है जो उनके लिए जगह को पक्की मानकर चलने के लिए काफी नहीं है. पूर्व भारतीय ओपनिंग बल्लेबाज गौतम गंभीर का मानना है कि टीम इंडिया को हनुमा विहारी के साथ ही अगले टेस्ट में उतरना चाहिए. गंभीर का मानना है कि विहारी ने जोहानिसबर्ग में शानदार बल्लेबाजी की और उनको अगले मुकाबले के लिए बाहर करना अच्छा संदेश नहीं होगा. गंभीर ने कहा कि रहाणे के लिए 10 में से बीच में एक अच्छी पारी खेलकर टीम में जगह पक्की नहीं मान सकते हैं.
पहली पारी में पुजारा फेल
भारतीय टीम के लिए चेतेश्वर पुजारा पिछले कुछ समय से पहली पारी में संघर्ष करते नजर आ रहे हैं. टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल के बाद 9 टेस्ट मैचों में पुजारा पहली पारी में से सिर्फ 1 में ही वो दहाई का आंकड़ा पार कर पाए हैं. वहीं दूसरी पारी में 3 बार 50 का आंकड़ा पार किया है. वहीं रहाणे पिछले काफी समय से अच्छी शुरुआत के बाद भी अपना विकेट गंवा देते हैं. टीम मैनेजमेंट भले ही पुजारा के साथ लंबे समय तक रुका रहे लेकिन रहाणे पर तलवार लगातार लटक रही है.