Gautam Gambhir on BCCI Family Rule: भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की संशोधित यात्रा नीतियों का समर्थन किया है, जो 2024-25 में ऑस्ट्रेलिया में 1-3 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी हार के बाद लागू की गईं, ताकि लंबे विदेशी दौरों के दौरान क्रिकेटरों के परिवारों की उपस्थिति को सीमित किया जा सके.
बीसीसीआई द्वारा जनवरी में संशोधित नियमों के अनुसार, 45 दिनों या उससे अधिक समय तक चलने वाले टूर्नामेंट में परिवारों को खिलाड़ियों के साथ 2 हफ्ते तक रहने की अनुमति होती है, जबकि छोटे दौरों में परिवार के साथ अधिकतम 7 दिनों तक रहने की अनुमति होती है.
इंग्लैंड के खिलाफ एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के लॉर्ड्स टेस्ट से पहले चेतेश्वर पुजारा के साथ बातचीत में, गंभीर ने दौरे पर खिलाड़ियों के परिवारों को सीमित रखने के बीसीसीआई के फैसले का समर्थन किया.

गंभीर ने कहा, 'परिवार जरूरी हैं, लेकिन एक बात समझनी होगी- आप यहां किसी मकसद के लिए हैं. यह कोई छुट्टी नहीं है. आप एक बड़े उद्देश्य के लिए यहां हैं. ड्रेसिंग रूम में या इस दौरे में बहुत कम लोग होते हैं, जिन्हें देश को गौरवान्वित करने का अवसर मिलता है. वैसे मैं परिवारों के साथ न होने के खिलाफ नहीं हूं.'
टीम इंडिया के कोच गंभीर मानते हैं, 'परिवार का होना जरूरी है, लेकिन अगर आपका ध्यान देश को गौरवान्वित करने पर है और आपकी भूमिका किसी भी अन्य चीज से कहीं ज्यादा बड़ी है और आप उस लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं, तो मुझे लगता है कि बाकी सब ठीक है. लेकिन मेरे लिए वह उद्देश्य और वह लक्ष्य किसी भी अन्य चीज से ज्यादा महत्वपूर्ण है.'
जब पुजारा ने गंभीर से पूछा कि वह मैचों के बीच कैसे आराम करते हैं या खुद को रिलैक्स करते हैं, तो गंभीर ने कहा, 'यह एक कठिन सवाल है. मुझे अभी भी समझ नहीं आया है कि मैं कैसे आराम करता हूं क्योंकि मैं कभी आराम नहीं करता और कभी-कभी यह बहुत मजेदार और अजीब लगता है. सच कहूं तो, जब हमने पिछला टेस्ट मैच जीता था, तो मेरे दिमाग में सबसे पहले यही आया था कि अगले टेस्ट के लिए टीम का संयोजन क्या होगा?'
गंभीर ने कहा, 'और जब मैं अपने कमरे में वापस गया, तो मैं सोच रहा था- ये कैसे होता है? हम अभी-अभी एक टेस्ट मैच जीते हैं. लड़कों ने पहले मैच के बाद वापसी के लिए कड़ी मेहनत की है, लेकिन मैं पहले से ही यह सोचने लगा था कि अगला संयोजन क्या होगा, और हम अगला मैच कैसे जीत सकते हैं? लेकिन सच कहूं तो, मुझे आज तक यह समझ नहीं आया कि खुद को कैसे 'स्विच ऑफ' किया जाए.'
विराट कोहली ने आईपीएल 2025 सीजन से पहले बीसीसीआई के प्रतिबंधों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. कोहली ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) इनोवेशन लैब इंडियन स्पोर्ट्स समिट में कहा था, 'यह लोगों को समझाना बहुत मुश्किल है कि जब बाहर कुछ तनावपूर्ण या कठिन होता है, तो ऐसे समय में अपने परिवार के पास लौट आना कितना सुकून देने वाला होता है.'
कोहली ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि लोग समझते हैं कि परिवार का साथ होना कितनी बड़ी बात है. मुझे इस बात से दुख होता है क्योंकि जो लोग इस मामले से जुड़े ही नहीं होते, उन्हें चर्चा में शामिल कर दिया जाता है और कहा जाता है कि ‘शायद इन्हें दूर रखना चाहिए’.
कोहली ने आगे कहा, 'अगर आप किसी भी खिलाड़ी से पूछें कि क्या वह चाहता है कि उसका परिवार हमेशा साथ रहे, तो जवाब होगा- हां. मैं अपने कमरे में जाकर अकेले बैठकर उदास नहीं होना चाहता. मैं सामान्य जीवन जीना चाहता हूं. तभी आप अपने खेल को एक जिम्मेदारी की तरह ले सकते हैं. जब आप वह जिम्मेदारी निभा लें, तो आप फिर से अपनी सामान्य जिंदगी में लौट सकते हैं.'