IND vs SA: साउथ अफ्रीका के विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंटन डिकॉक काफी सुर्खियों में हैं. सेंचुरियन में पहले टेस्ट में टीम की हार के बाद डिकॉक ने टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया था. महज 29 साल की उम्र में डिकॉक के सबसे बड़े प्रारूप से संन्यास लेने के बाद फैंस हैरान रह गए थे.
अब साउथ अफ्रीका के पूर्व कप्तान हाशिम अमला ने डिकॉक के रिटायरमेंट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. अमला का मानना है कि डिकॉक के ना रहने से साउथ अफ्रीका का मिडिल ऑर्डर दरक गया है. साउथ अफ्रीकी टीम भारत के खिलाफ चल रही तीन मैचों की सीरीज में 0-1 से पीछे चल रही है.
सेंचुरियन में पहले टेस्ट मैच में उसे 113 रनों से हार मिली थी. प्रोटियाज टीम उस टेस्ट मैच की दोनों पारियों में 200 के आंकड़े तक पहुंचने में असफल रही, जो उसकी हार का एक महत्वपूर्ण कारण था. हार के बाद कप्तान डीन एल्गर ने बाकी दो मैचों में अच्छी बल्लेबाजी करने पर जोर दिया.
अमला ने कहा, 'मध्यक्रम में हमारे दो सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज टेम्बा और क्विंटन हैं. अब जब क्विंटन ने टेस्ट क्रिकेट छोड़ दिया है, तो यह बल्लेबाजी क्रम को और कमजोर बना देता है. इसके चलते अब टेम्बा को थोड़ा ऊपर बैटिंग करना होगा, चाहे वह तीन या चार हो. यह उन्हें रिकवरी में एक ठोस भूमिका निभाने के लिए समय देगा. डीन और एडेन बेहतरीन खिलाड़ी हैं, जिनके पास शतकों की भरमार है और अगर मोमेंटम मिलता है, तो यह निश्चित रूप से नर्व्स को शांत करेगा और युवा खिलाड़ियों के लिए बहुत जरूरी आत्मविश्वास देगा.'
पहले टेस्ट में साउथ अफ्रीका के खराब प्रदर्शन के बावजूद बावुमा का बैटिंग प्रदर्शन टीम के लिए प्लस प्वाइंट रहा. दाएं हाथ के बल्लेबाज ने पहली पारी में 52 रन बनाए और दूसरी पारी में 35 रन बनाकर नॉटआउट लौटे. अमला ने स्वीकार किया कि जब भारत ने पहली पारी में 300 से अधिक रन बनाए तो अफ्रीकी टीम मुकाबले में पिछड़ गई. 124 टेस्ट खेलने वाले इस अनुभवी खिलाड़ी का मानना है कि सीरीज में वापसी करने के लिए मेजबान टीम को एक कठिन चुनौती का सामना करना होगा.
अमला ने कहा, 'यह एक उचित परिणाम था. सेंचुरियन में खेल बीतने के साथ ही बैटिंग करना मुश्किल हो जाता है. इसलिए एक बार भारत ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी की और 300 से अधिक रन बनाए, तो प्रोटियाज बल्लेबाजों के लिए कम से कम उस स्कोर के करीब पहुंचना था. 130 रन पीछे होना उन्हें भारी पड़ गया, जो हार का मुख्य कारण था.'