वर्ल्ड कप 2015 के दूसरे क्वार्टर फाइनल में टीम इंडिया ने बांग्लादेश पर 109 रनों की बड़ी जीत दर्ज करके शान से सेमीफाइनल में जगह बनाई. टीम इंडिया की इस जीत में बल्लेबाजों और गेंदबाजों ने मिलकर योगदान दिया. आइए हम आपको टीम इंडिया की इस धमाकेदार जीत की पांच खास वजह बताते हैं.
और धोनी की 'स्पेशल' सेंचुरी भी हुई पूरी
1. टॉस
महेंद्र सिंह धोनी के लिए टॉस जीतना बहुत अहम रहा. धोनी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और टीम इंडिया ने बांग्लादेश के सामने 303 का बड़ा टारगेट रखा. वर्ल्ड कप के क्वार्टर फाइनल के लिहाज से यह बड़ा स्कोर था. भारतीय गेंदबाजों को पता था कि उन्हें किस स्कोर के अंदर बांग्ला टीम को सीमित करना है. गेंदबाजों ने प्लान के मुताबिक बॉलिंग की और बांग्लादेश की टीम इतने बड़े टारगेट के सामने बिखर गई. वैसे, वर्ल्ड कप के ज्यादातर मैचों में टॉस ने बहुत अहम भूमिका निभाई है.
2. रोहित-रैना की साझेदारी
इस वर्ल्ड कप में रोहित शर्मा अभी तक उस लय में दिखे, जिसके लिए उन्हें दुनिया जानती है. लेकिन इस मैच में वो उस वक्त अपने रंग में लौटे, जब टीम को उनके बल्ले से बड़े स्कोर की सख्त जरूरत थी. 28 ओवर में 115 के स्कोर पर तीन विकेट गिरने के बाद भारत को एक तेज और बड़ी साझेदारी की जरूरत थी और इस जरूरत को रोहित और रैना ने पूरा किया. रोहित-रैना ने सिर्फ 79 गेंदों पर 100 रनों की साझेदारी करके बांग्लादेशी बॉलरों पर ऐसा दबाव बनाया, जिससे वो आखिर तक नहीं उबर पाए. रैना ने तो सिर्फ 57 गेंदों पर 65 रन बनाए.
3. उमेश यादव की बॉलिंग
रोहित शर्मा की तरह उमेश यादव भी बिल्कुल सही वक्त पर लय में लौटे. उमेश ने इस मैच में टीम इंडिया की तरफ से सबसे ज्यादा चार विकेट लेकर बांग्लादेशी टीम को 193 पर निपटा दिया. यादव ने मैच में न सिर्फ चार विकेट लिए, बल्कि उन्होंने रन देने में भी बहुत कंजूसी दिखाई. उन्होंने सिर्फ 3.44 की इकॉनमी रेट से 9 ओवर में महज 31 रन दिए. वनडे करियर में यह उमेश का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था.
4. टीम की फरफॉर्मेंस
इस जीत का सबसे ज्यादा श्रेय पूरी टीम की परफॉर्मेंस को जाता है. रोहित शर्मा और शिखर धवन ने 75 रनों की ओपनिंग पार्टनरशिप करके भारतीय पारी की मजबूत नींव रखी और इसी नींव की वजह से टीम 302 का स्कोर खड़ा कर पाई. बॉलिंग में भी तेज गेंदबाजों और स्पिनरों ने मिलकर बांग्लादेशी बल्लेबाजों को परेशान किया और उन्हें सस्ते में समेटा. टीम ने बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग में एक यूनिट की तरह खेल दिखाया, जिसका नतीजा सबसे सामने है.
5. दबाव पर काबू
जल्दी-जल्दी तीन विकेट गिरने और मिडिल ओवरों में धीमी रन रेट के दबाव को टीम इंडिया ने हावी नहीं होने दिया. भारतीय बल्लेबाजों ने अपने अनुभव का फायदा उठाकर मुश्किल हालात में टीम को संभाल लिया, लेकिन बांग्लादेशी बल्लेबाज बड़े मैच का दबाव नहीं झेल पाए और 193 पर ऑल आउट हो गए. बॉलिंग में भी बांग्लादेशी टीम के साथ यही हुआ. एक बार जब रोहित-रैना ने उनकी पिटाई शुरू की तो बॉलर हड़बड़ा गए और फील्डरों ने भी दबाव में आकर जमकर रन लुटाए.