ENG vs IND 3rd Test Playing 11: भारत-इंग्लैंड के बीच एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी का शुरुआती मुकाबला लीड्स में हुआ, जहां भारतीय टीम ने बतौर ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर को मौका दिया. वहीं, एजबेस्टन में हुए मुकाबले में नीतीश कुमार रेड्डी को मौका दिया गया. लेकिन ये दोनों ही खिलाड़ी अपने प्रदर्शन से टीम के लिए कोई खास योगदान नहीं कर पाए.
खास बात यह है कि दोनों ही ऑलराउंडर्स का गेंदबाजी में कप्तान शुभमन गिल कोई खास उपयोग भी नहीं कर पाए. अब गुरुवार (9 जुलाई) को भारतीय टीम लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान में उतरेगी, तो टीम कॉम्बिनेशन कैसा होगा यह बड़ा सवाल होगा.
The world's No.1 Test bowler is back at the @HomeOfCricket, and mind you, he knows his stats really well 😀#TeamIndia #ENGvIND | @Jaspritbumrah93 pic.twitter.com/j7ToBp4bUW
— BCCI (@BCCI) July 9, 2025
ऐसे में सवाल है कि क्या स्पेशलिस्ट बॉलर कुलदीप यादव या अर्शदीप सिंह या स्पेशलिस्ट बैटर अभिमन्यु ईश्वरन को खिलाना ज्यादा बेहतर नहीं होता. हालांकि अभिमन्यु अब तक कोई टेस्ट मैच भारतीय टीम से नहीं खेले हैं, वह बंगाल की तरफ से ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी करते हैं.
शार्दुल ठाकुर का लीड्स टेस्ट में प्रदर्शन
भारत और इंग्लैंड के बीच लीड्स हेडिंग्ले में खेले गए पहले टेस्ट मैच में शार्दुल ठाकुर का प्रदर्शन मिला-जुला रहा. पहली पारी में जब भारत बल्लेबाजी कर रहा था, तो शार्दुल कुछ खास नहीं कर सके. उन्होंने 8 गेंदों में 1 रन बनाया और बेन स्टोक्स की गेंद पर आउट हो गए. गेंदबाजी में भी उनका असर नहीं दिखा. उन्होंने 6 ओवर डाले, लेकिन बिना कोई विकेट लिए 38 रन लुटा दिए.
हालांकि दूसरी पारी में शार्दुल ने थोड़ी वापसी की. बल्लेबाजी में उन्होंने 12 गेंदों पर 4 रन बनाए और ओली पोप के हाथों कैच होकर आउट हुए. गेंदबाजी में इस बार उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया और 10 ओवरों में 51 रन देकर 2 अहम विकेट लिए. उन्होंने पहले इंग्लैंड के ओपनर बेन डकेट को 149 रन पर आउट किया और फिर हैरी ब्रूक को शून्य पर पवेलियन भेज दिया.
कुल मिलाकर शार्दुल ठाकुर ने पूरे मैच में 16 ओवर गेंदबाजी की, जिसमें उन्हें 2 विकेट मिले, वहीं बल्लेबाजी में उनका योगदान सिर्फ 5 रन का रहा.
नीतीश रेड्डी का एजबेस्टन में प्रदर्शन
भारत और इंग्लैंड के बीच एजबेस्टन में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में नीतीश कुमार रेड्डी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा. पहली पारी में वह सिर्फ 6 गेंदें खेल सके और महज 1 रन बनाकर क्रिस वोक्स का शिकार बने. टीम को उनसे मिडिल ऑर्डर में स्थिरता की उम्मीद थी, लेकिन वे उस मौके को भुना नहीं सके. पहली पारी में उन्होंने 6 ओवर करवाए और 29 रन दिए और एक भी विकेट नहीं मिला.
नीतीश की दूसरी पारी में भी कहानी नहीं बदली. इस बार उन्हें जो रूट की गेंद पर सिर्फ 1 रन (2 गेंद) में आउट होना पड़ा. दूसरी पारी में उन्होंने गेंदबाजी नहीं की. कुल मिलाकर, एजबेस्टन टेस्ट में नीतीश रेड्डी का प्रदर्शन बहुत ही साधारण रहा, और शायद टीम मैनेजमेंट को आगे के मुकाबलों के लिए उनके रोल पर दोबारा विचार करना पड़े.
क्या ईश्वरन को मौका मिलना चाहिए?
अभिमन्यु ईश्वरन घरेलू क्रिकेट में भारत के सबसे भरोसेमंद और तकनीकी रूप से मजबूत बल्लेबाजों में गिने जाते हैं. वह ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी टीम के साथ गए थे. बंगाल की तरफ से खेलने वाले ईश्वरन ने अब तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 103 मैच खेलकर 7841 से भी अधिक रन बना लिए हैं. उनका एवरेज 48.70 का है, जो बताता है कि वह लंबे फॉर्मेट के लिए मेच्योर प्लेयर हैं. उन्होंने इस दौरान 27 शतक और 29 अर्धशतक जड़े हैं, जबकि उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 233 रन है.
लिस्ट ए क्रिकेट में भी उनका रिकॉर्ड शानदार है. 89 मैचों में उन्होंने 9 शतक के साथ 3857 रन बनाए हैं. वहीं टी20 फॉर्मेट में उन्होंने 34 मैचों में 976 रन बनाए हैं, जिसमें एक शतक (107*) भी शामिल है. ऐसे में सवाल है कि इतने शानदार रिकॉर्ड वाले ईश्वरन को लॉर्ड्स में मौका मिलेगा, या उनको फिलहाल इंतजार करना होगा.
कुलदीप की वापसी या अर्शदीप का डेब्यू?
कुलदीप यादव इंग्लैंड टीम में स्पेशलिस्ट स्पिनर के तौर पर टीम इंडिया के साथ गए हैं. वहीं अर्शदीप सिंह को रेडबॉल क्रिकेट में डेब्यू का इंतजार है. अश्विन के संन्यास के बाद माना जा रहा था कि कुलदीप को टीम में रखा जाएगा. फिलहाल उनको शुरुआती टेस्ट मैच में मौका मिलेगा, पर ऐसा नहीं हुआ. उनका टेस्ट डेब्यू 2017 में हुआ, लेकिन वो तब से अब तक भारतीय टीम की ओर से 13 टेस्ट मैच ही खेल पाए हैं, जहां उनके नाम 56 विकेट हैं. ऐसे में यह भी सवाल है कि क्यों ना भारतीय टीम लंबी बैटिंग लाइनअप से बचे और कुलदीप यादव या अर्शदीप सिंह को मौका दे.
अर्शदीप 63 टी20 मैचों में भारत के लिए 99 विकेट ले चुके हैं, वहीं 9 वनडे में उनके नाम 14 विकेट हैं. वह व्हाइटबॉल में सफल रहे हैं, उम्मीद है अगर उनको टेस्ट क्रिकेट में मौका मिलेगा तो वह यहां भी झंडे गाड़ेंगे.