भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच लखनऊ के इकाना स्टेडियम में खेला जाने वाला चौथा टी-20 मैच घने कोहरे (और स्मॉग) के कारण रद्द हो गया. एक भी गेंद फेंके बिना मैच कैंसल होने से क्रिकेट फैंस निराश हो गए. इस घटना पर कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री शशि थरूर ने सोशल मीडिया पर तंज कसा.
उन्होंने लिखा... क्रिकेट फैंस लखनऊ में #INDVSSA मैच शुरू होने का बेकार इंतजार कर रहे हैं. उत्तर भारत के ज्यादातर शहरों में फैले घने स्मॉग और AQI 411 की वजह से विजिबिलिटी इतनी खराब है कि क्रिकेट खेलना ही मुश्किल है. मैच तिरुवनंतपुरम में करवाना चाहिए था, जहां अभी AQI सिर्फ 68 के आसपास है.
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शशि थरूर का यह पोस्ट उत्तर और दक्षिण भारत के मौसम के बड़े अंतर को उजागर करता है. उत्तर में सर्दियों में घना कोहरा और स्मॉग आम है, जबकि दक्षिण में ऐसा कोहरा नहीं होता.
Cricket fans have been waiting in vain for the #INDVSSAODI to start in Lucknow. But thanks to dense smog, pervasive in most north Indian cities, and an AQI of 411, visibility is too poor to permit a game of cricket. They should’ve scheduled the game in Thiruvananthapuram, where…
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) December 17, 2025

क्या दक्षिण भारत में कोहरा बिल्कुल नहीं पड़ता?
नहीं, ऐसा नहीं है. दक्षिण भारत में भी कुछ जगहों पर हल्का कोहरा पड़ता है, जैसे कर्नाटक के अंदरूनी इलाकों या तटीय क्षेत्रों में. लेकिन उत्तर भारत की तरह घना, लगातार और विजिबिलिटी जीरो करने वाला कोहरा बहुत दुर्लभ है. उत्तर में दिल्ली, लखनऊ, पंजाब जैसे इलाकों में सर्दियों में कोहरा कई दिनों तक रहता है, जबकि दक्षिण में चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद या केरल में सर्दियां साफ और धूप वाली होती हैं.
भारत का मौसम भौगोलिक स्थिति, तापमान और हवाओं पर निर्भर करता है. मुख्य कारण ये हैं...
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तापमान का बड़ा अंतर... उत्तर भारत (गंगा के मैदान – पंजाब, हरियाणा, यूपी, दिल्ली) में सर्दियों में तापमान बहुत कम हो जाता है (6-12 डिग्री सेल्सियस तक). रात में जमीन तेजी से ठंडी होती है. हवा में मौजूद नमी जमा होकर छोटी-छोटी बूंदें बनाती हैं – यही कोहरा है. इसे रेडिएशन फॉग कहते हैं.
दक्षिण भारत में सर्दियां हल्की हैं. न्यूनतम तापमान 20-25 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है. इतनी ठंड नहीं पड़ती कि नमी कोहरे में बदल सके.
वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का प्रभाव... सर्दियों में मेडिटेरेनियन सागर से आने वाली हवाएं (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस) हिमालय से टकराकर उत्तर भारत में नम हवाएं लाती हैं. ये ठंडी हवा से मिलकर कोहरा बनाती हैं. दक्षिण भारत इन हवाओं से दूर है, इसलिए प्रभाव नहीं पड़ता. यहां समुद्र की गर्म हवाएं हावी रहती हैं.

समुद्री प्रभाव और भूगोल... दक्षिण भारत तीन तरफ से समुद्र से घिरा है (अरब सागर, हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी). समुद्र से आने वाली गर्म, नम हवाएं तापमान को संतुलित रखती हैं. हवा की गति तेज रखती हैं. नमी जमने नहीं पाती. उत्तर भारत मैदानी और हिमालय से घिरा है. ठंडी हवा रुक जाती है, जिससे कोहरा बनता और फैलता है.
प्रदूषण की भूमिका... उत्तर भारत में कोहरा अब अक्सर स्मॉग (धुआं + कोहरा) बन जाता है. प्रदूषण के कण (PM2.5, एयरोसॉल) नमी को पकड़ लेते हैं. कोहरा घना और लंबा हो जाता है. दिल्ली-लखनऊ में AQI 300-400+ आम है. दक्षिण में प्रदूषण कम है (AQI 50-100), इसलिए कोहरा साफ और कम रहता है.
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उत्तर भारत की सर्दियां कड़ाके की ठंड, स्थिर हवा और ज्यादा नमी वाली होती हैं – कोहरे के लिए परफेक्ट स्थिति. दक्षिण में साल भर समुद्री प्रभाव से मौसम गरम और संतुलित रहता है. यही वजह है कि उत्तर में फ्लाइट्स, ट्रेनें और मैच रद्द होते हैं, जबकि दक्षिण में सब सामान्य चलता है.