scorecardresearch
 

क्या सच में होती है आत्मा या शरीर में मौजूद है प्राणवायु? इस खोज से मची सनसनी

कनाडा के वैज्ञानिकों ने जीवित चूहों और पौधों से निकलने वाली हल्की चमक (बायोफोटॉन्स) को कैमरे से कैद किया. जीवित चूहों की पूरी बॉडी से चमक दिखी, जो मरने पर गायब हो गई. पौधों में स्ट्रेस पर चमक बढ़ी. यह कोशिकाओं के मेटाबॉलिज्म से जुड़ी है. कृषि और चिकित्सा में फायदेमंद हो सकती है. पर क्या यही आत्मा है?

Advertisement
X
महिला के शरीर से आत्मा के निकलने का काल्पनिक चित्र. (Photo: Representative/Getty)
महिला के शरीर से आत्मा के निकलने का काल्पनिक चित्र. (Photo: Representative/Getty)

क्या आप जानते हैं कि सभी जीवित चीजें – पौधे, जानवर और इंसान भी – एक बहुत हल्की, अदृश्य चमक निकालते हैं? यह चमक इतनी कमजोर होती है कि नंगी आंखों से दिखाई नहीं देती, लेकिन 2025 में कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलगरी के वैज्ञानिकों ने इसे विशेष कैमरों से पहली बार स्पष्ट रूप से देखा और फोटो खींची. इस खोज ने दुनिया भर में सनसनी मचा दी है. कुछ लोग इसी रोशनी को आत्मा, शरीर चलाने वाली ऊर्जा या प्राणवायु कह रहे हैं. लेकिन सच्चाई अलग है. 

क्या है यह चमक? 

इस चमक को बायोफोटॉन्स या अल्ट्रावीक फोटॉन एमिशन (UPE) कहते हैं. यह कोई जादू या आत्मा की रोशनी नहीं है, बल्कि जीवित कोशिकाओं में होने वाली सामान्य रासायनिक प्रतिक्रियाओं का नतीजा है. कोशिकाओं में ऊर्जा बनाते समय (मेटाबॉलिज्म) कुछ खास अणु (जैसे माइटोकॉन्ड्रिया में) इलेक्ट्रॉन्स उत्तेजित होते हैं.

यह भी पढ़ें: घना कोहरा, रेन अलर्ट... आखिर दिल्ली-NCR का मौसम इतना तूफानी क्यों है? मौसम विभाग क्या कह रहा

जब ये इलेक्ट्रॉन्स अपनी सामान्य स्थिति में वापस आते हैं, तो बहुत हल्के प्रकाश के कण (फोटॉन्स) निकलते हैं. यह प्रकाश इतना कमजोर है कि प्रति वर्ग सेंटीमीटर प्रति सेकंड सिर्फ 10 से 1000 फोटॉन्स निकलते हैं – यानी सामान्य रोशनी से लाखों गुना कम.

Spirit or Biophotons

शोध क्या कहता है?

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलगरी के भौतिक विज्ञानी डैनियल ओब्लाक की अगुवाई में टीम ने यह अध्ययन किया. 

Advertisement

1. बिना बालों वाले चूहों का इस्तेमाल किया (ताकि बाल रोशनी रोक न सकें).

  • चार जीवित चूहों को पूरी तरह अंधेरे कमरे में रखा.
  • विशेष क्वांटम कैमरे (EMCCD कैमरा) से 1-2 घंटे तक फोटो खींची.
  • इन कैमरों से एक-एक फोटॉन भी पकड़ा जा सकता है.
  • चूहों की पूरी बॉडी से हल्की चमक दिखी.
  • फिर चूहों को दर्द रहित तरीके से मारा गया और फिर फोटो खींची – चमक तेजी से गायब हो गई.

Spirit or Biophotons

2. पौधों पर भी प्रयोग: ड्वार्फ अम्ब्रेला ट्री (Heptapleurum arboricola) की पत्तियों से भी चमक निकली. जब पत्तियों को चोट लगाई या गर्म किया (स्ट्रेस दिया), तो चमक और तेज हो गई. इससे पता चला कि स्ट्रेस या चोट में यह चमक बढ़ जाती है.

इससे पहले सिर्फ कोशिकाओं या छोटे हिस्सों में यह चमक देखी गई थी, लेकिन पूरी बॉडी में पहली बार दिखाई दी है. 

यह भी पढ़ें: ब्रह्मोस का सटीक निशाना, नूर खान एयरबेस पर तबाही... ऑपरेशन सिंदूर पर 7 महीने बाद PAK ने कबूले ये 7 सच

यह चमक क्यों मायने रखती है?

  • जीवन से जुड़ी है: जीवित रहते चमक रहती है. मरने पर खत्म हो जाती है. इससे साबित होता है कि यह मेटाबॉलिज्म (कोशिकाओं की ऊर्जा बनाने की प्रक्रिया) से जुड़ी है.
  • कोई रहस्यवाद नहीं: कुछ लोग इसे ऑरा या आत्मा की रोशनी कहते हैं, लेकिन वैज्ञानिक कहते हैं कि यह पूरी तरह भौतिक और जैव रासायनिक प्रक्रिया है. 

Spirit or Biophotons

भविष्य में फायदे

  • कृषि में: बीजों की चमक देखकर पता लगेगा कि वे अंकुरित होंगे या नहीं – बिना छुए.
  • चिकित्सा में: ऊतकों (टिश्यू) की सेहत या चोट का पता लगाना, बिना ऑपरेशन के. 
  • फसलों या जंगलों की सेहत चेक करना.

यह भी पढ़ें: 2 सेकेंड में 700 km/hr की स्पीड... चीन के हाइपरलूप ने तोड़ा जमीनी रफ्तार का रिकॉर्ड

Advertisement

यह खोज दिखाती है कि जीवन कितना अद्भुत है – हम सब अंदर से हल्का सा चमकते हैं. लेकिन यह कोई चमत्कार नहीं, बल्कि विज्ञान है. आगे और शोध से इसका इस्तेमाल स्वास्थ्य और खेती में हो सकता है. वैज्ञानिक डैनियल ओब्लाक कहते हैं कि यह जीवन का एक नया संकेत हो सकता है.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement