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पृथ्वी के पास हो सकते हैं ढेरों 'मिनीमून', वैज्ञानिकों ने खोजा छोटा चांद 2024 PTS

2024 PT5 और कामो’ओलेवा की खोज से पता चलता है कि पृथ्वी के पास चंद्रमा के टुकड़ों की एक पूरी आबादी हो सकती है. ये टुकड़े हमें चंद्रमा की टक्करों और सौर मंडल के इतिहास के बारे में नई जानकारी दे सकते हैं. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि भविष्य में ऐसे मिनीमून और मिलेंगे जो अंतरिक्ष के रहस्यों को समझने में मदद करेंगे.

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धरती के बगल मिनीमून मिलने की वजह से वैज्ञानिकों ने अंदाजा लगाया है कि ऐसे ढेरों छोटे चांद हो सकते हैं. (फोटोः पिक्साबे/नेचर एस्ट्रोनॉमी)
धरती के बगल मिनीमून मिलने की वजह से वैज्ञानिकों ने अंदाजा लगाया है कि ऐसे ढेरों छोटे चांद हो सकते हैं. (फोटोः पिक्साबे/नेचर एस्ट्रोनॉमी)

पृथ्वी के आसपास छोटे-छोटे चट्टानी टुकड़ों की एक पूरी आबादी हो सकती है, जिन्हें 'मिनीमून' कहा जाता है. हाल ही में खोजा गया 2024 PT5 नाम का एक छोटा चट्टानी टुकड़ा, जो पिछले साल मिनीमून के रूप में पहचाना गया, संभवतः चंद्रमा से टूटकर निकला है.

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यह टुकड़ा लाखों साल पहले चंद्रमा पर किसी बड़े टक्कर (इम्पैक्ट) के कारण अंतरिक्ष में आया होगा. यह खोज इस बात का संकेत देती है कि पृथ्वी के पास चंद्रमा के ऐसे कई टुकड़े घूम रहे हो सकते हैं.

दो मिनीमून की खोज और भी हो सकते हैं

प्लैनेटरी साइंटिस्ट टेडी करेटा ने मार्च में टेक्सास में हुई 56वीं लूनर एंड प्लैनेटरी साइंस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अगर सिर्फ एक ऐसा टुकड़ा होता तो यह दिलचस्प होता लेकिन यह अकेला मामला नहीं है. लेकिन अब दो टुकड़े मिले हैं, तो हमें यकीन है कि यह एक पूरी आबादी हो सकती है. 

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2024 PT5 की खोज अगस्त 2024 में दक्षिण अफ्रीका के खगोलविदों ने की थी. यह टुकड़ा पृथ्वी के पास बहुत धीमी गति से सिर्फ 7.24 किलोमीटर प्रति घंटे (2 मीटर प्रति सेकंड) चल रहा था. इतनी धीमी गति से चलने वाले केवल नौ अन्य क्षुद्रग्रह (एस्टेरॉयड) पहले देखे गए हैं. इसकी खोज के बाद टेडी करेटा और उनके साथी निक मॉस्कोविट्ज़ ने इसे लोवेल डिस्कवरी टेलीस्कोप से अध्ययन किया.

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2024 PT5 चंद्रमा का टुकड़ा क्यों माना जा रहा है?

शोधकर्ताओं ने 2024 PT5 स्टडी में बताया कि यह कोई साधारण क्षुद्रग्रह नहीं है. इसकी संरचना अपोलो मिशन और सोवियत यूनियन के लूना 24 मिशन द्वारा चंद्रमा से लाए गए पत्थरों जैसी है. यह टुकड़ा सिर्फ 8 से 12 मीटर (26 से 39 फीट) का है. यानी काफी छोटा है.

शोधकर्ताओं का मानना है कि 2024 PT5 तब बना जब चंद्रमा पर कोई बड़ा पिंड टकराया होगा. इस टक्कर से चंद्रमा का कुछ हिस्सा टूटकर अंतरिक्ष में चला गया. शोधकर्ता इस टुकड़े की संरचना का अध्ययन करके यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह चंद्रमा के किस गड्ढे (क्रेटर) से आया है.

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क्रेटर और टक्कर का महत्व

Minimoon, 2024 PT5, Lunar fragment, Near-Earth Objects

चंद्रमा जैसे ग्रहों पर जहां न तो टेक्टोनिक प्लेट्स होती हैं और न ही तरल पदार्थ, वहां क्रेटर बनना सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया है. लेकिन टक्कर को समझना मुश्किल हो सकता है क्योंकि इसमें कई चीज़ें शामिल होती हैं. अगर अंतरिक्ष में चंद्रमा के टुकड़ों को उनके क्रेटर से जोड़ा जा सके, तो यह वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद करेगा कि टक्कर के दौरान क्या होता है.

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2024 PT5 का 'मिनीमून' बनना

पृथ्वी सूरज के चारों ओर चक्कर लगाते समय धूल, चट्टानों और अंतरिक्ष के कचरे के बादल के साथ चलती है. इसमें कुछ मानव निर्मित चीज़ें जैसे सैटेलाइट और अंतरिक्ष कचरा भी शामिल हैं. लेकिन कुछ चट्टानी टुकड़े सौर मंडल के शुरुआती दिनों में हुई टक्करों से बने हैं. इन्हें नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट्स (NEOs) कहा जाता है. इन पर नज़र रखी जाती है ताकि ये पृथ्वी के लिए खतरा न बनें. 

2024 PT5 को सितंबर 2024 में मिनीमून कहा गया क्योंकि यह कुछ समय के लिए पृथ्वी के साथ चला. टेडी करेटा इसे हाईवे पर चल रही दो गाड़ियों से तुलना करते हैं. पृथ्वी अपनी लेन में तेज़ी से चल रही है, जबकि 2024 PT5 धीमी गति से सूरज के करीब वाली लेन में था. 2024 में यह पृथ्वी की लेन में आ गया. कुछ समय तक साथ चला. सितंबर के अंत तक यह फिर अपनी लेन में चला गया. अनुमान है कि 2055 में यह फिर से पृथ्वी के करीब होगा.

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पहले भी मिला था ऐसा टुकड़ा

2024 PT5 चंद्रमा का दूसरा टुकड़ा है जो वैज्ञानिकों ने खोजा है. इससे पहले 2016 में खोजा गया कामो’ओलेवा (Kamo'oalewa) नाम का टुकड़ा भी 2021 में चंद्रमा से जोड़ा गया था. कामो’ओलेवा बड़ा है. इसे अंतरिक्ष में कॉस्मिक किरणों और सौर विकिरण से ज्यादा नुकसान हुआ है, जिसका मतलब है कि यह शायद 2024 PT5 से ज्यादा समय से अंतरिक्ष में है. इनकी कक्षा भी अलग है. कामो’ओलेवा एक क्वासी-सैटेलाइट की तरह है, जो पृथ्वी के पास कई चक्कर लगाता है, लेकिन इसके चारों ओर नहीं घूमता. दूसरी ओर, 2024 PT5 समय-समय पर पृथ्वी की कक्षा में आता-जाता है.

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कामो’ओलेवा का क्रेटर

वैज्ञानिक कामो’ओलेवा को चंद्रमा के जियोर्डानो ब्रूनो क्रेटर से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जो चंद्रमा के दूसरी तरफ 22 किलोमीटर चौड़ा गड्ढा है. अगर और ऐसे टुकड़े मिलते हैं, तो यह पुष्टि हो सकती है कि चंद्रमा के कई टुकड़े पृथ्वी के पास घूम रहे हैं. यह शोध जनवरी में द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में प्रकाशित हुआ था.

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