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पाकिस्तान में बारिश-बाढ़ से भयानक तबाही, 307 लोगों की मौत... कई लापता

पाकिस्तान में भारी बारिश और बाढ़ ने खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र खासकर बुनर जिले में भयानक तबाही मचाई है. 307 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. राहत कार्य जारी हैं, लेकिन मौसम की मार और बुनियादी ढांचे के नुकसान से चुनौतियां बढ़ गई हैं. सरकार और सेना मिलकर लोगों को बचाने और हालात सामान्य करने की कोशिश कर रही है.

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मुजफ्फराबाद में फ्लैश फ्लड की वजह से ब्रिज टूट गया. (Photo: Reuters)
मुजफ्फराबाद में फ्लैश फ्लड की वजह से ब्रिज टूट गया. (Photo: Reuters)

पिछले दो दिनों से उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान में भारी बारिश और बाढ़ ने भयानक तबाही मचा दी है. स्थानीय अधिकारियों के अनुसार अब तक 300 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. कई लोग अभी भी लापता हैं. यह इस साल के मॉनसून सीजन की सबसे घातक घटना बन गई है.

क्या हुआ?

पिछले दो दिनों में हुई तेज बारिश और बाढ़ ने खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र में तबाही मचाई. प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (PDMA) के मुताबिक, शनिवार सुबह तक 307 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. कई लोग अभी भी गायब हैं. बारिश 21 अगस्त तक जारी रहने की आशंका है, जिससे हालात और खराब हो सकते हैं.

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इस तबाही के पीछे बादल फटना, बाढ़, बिजली गिरना, भूस्खलन और इमारतों के ढहने जैसे कारण हैं. सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि भारत और नेपाल के कुछ हिस्सों में भी पिछले हफ्ते भारी बारिश और बाढ़ से नुकसान हुआ है. 

सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका: बुनर जिला

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से करीब तीन घंटे की दूरी पर बुनर जिला सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. यहां 184 लोगों की मौत हो चुकी है. बुनियादी ढांचे, फसलों और बागानों को व्यापक नुकसान पहुंचा है. एक बादल फटने, गिरे पेड़ों और तेज बाढ़ ने लोगों को बहा लिया और उनकी संपत्ति नष्ट कर दी.

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pakistan flood devastation

बुनर में अभी भी कई लोग, खासकर महिलाएं और बच्चे, बाढ़ के पानी में फंसे हुए हैं, जहां 93 शव बरामद किए गए हैं. दूसरे प्रभावित क्षेत्र शांगला में, भारी बारिश से एक इमारत की छत गिरने से 34 लोगों की मौत हो गई. प्रांतीय मुख्य सचिव शहाब अली शाह ने बताया कि राहत कार्य तेजी से चल रहे हैं.

राहत और बचाव कार्य

राहत कार्य के लिए कई कदम उठाए गए हैं...

  • राहत शिविर: शहाब अली शाह ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों के लिए मेडिकल कैंप लगाए जा रहे हैं. जिन परिवारों का घर बर्बाद हुआ, उनके लिए खाना-पानी की व्यवस्था की जा रही है.
  • सड़कें साफ करना: भारी मशीनरी की मदद से बंद सड़कों को साफ करने और बहाल करने का काम शुरू हो गया है.
  • बचाव टीम: डिप्टी पीएम और विदेश मंत्री ईशाक डार ने बताया कि सिविल और मिलिट्री टीमें मिलकर राहत और बचाव कार्य कर रही हैं. प्रधानमंत्री ने आपात बैठक भी बुलाई है.
  • आर्थिक मदद: आपातकालीन फंड जारी किए गए हैं ताकि प्रभावित इलाकों में मदद पहुंचाई जा सके.

भविष्य की चिंता

अधिकारियों का कहना है कि 21 अगस्त तक बारिश जारी रहने की संभावना है, जिससे बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ सकता है. बुनर और शांगला जैसे इलाकों में लोग अभी भी खतरे में हैं. सड़कों के बंद होने से मदद पहुंचाना मुश्किल हो रहा है.

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