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सेलेब्रिटी अपने पेट्स के मरने बाद दोबारा 'बनवा' रहे हैं... क्लोनिंग को लेकर वैज्ञानिकों ने दी ये चेतावनी

सेलिब्रिटी अपने पालतू कुत्ते-बिल्लियों को क्लोन करवा रहे हैं, लेकिन वैज्ञानिक चेतावनी दे रहे हैं. क्लोन दिखने में थोड़ा मिलता है पर स्वभाव बिलकुल अलग होता है. बीमारियां भी आ सकती हैं. क्लोन कराने में करीब 40-50 लाख लगते हैं. सफलता का चांस सिर्फ 16% होता है.

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पेट्स की क्लोनिंग को लेकर वैज्ञानिकों की चेतावनी बेहद भयावह है. (Photo: Pixabay)
पेट्स की क्लोनिंग को लेकर वैज्ञानिकों की चेतावनी बेहद भयावह है. (Photo: Pixabay)

आजकल अमेरिका के बड़े-बड़े सेलिब्रिटी अपने प्यारे कुत्ते-बिल्ली को मरने के बाद भी दोबारा 'बनवा' रहे हैं. एक्टर बार्बरा स्ट्रीसैंड ने अपनी बिल्ली को क्लोन करवाया. टॉम ब्रेडी ने अपने कुत्ते को. लेकिन क्या ये सचमुच अच्छा विचार है?

क्लोनिंग क्या होती है?

क्लोनिंग का मतलब है – बिलकुल वैसा ही नया जानवर बनाना जो पहले वाला था. वैज्ञानिक पालतू के शरीर से एक छोटा सा टिश्यू लेते हैं, फिर उसे एक अंडे में डालकर दूसरी मादा जानवर (सरोगेट मां) के पेट में डाल देते हैं. कुछ महीने बाद बिलकुल वैसा ही दिखने वाला बच्चा पैदा होता है. ये तकनीक 1997 में भेड़ डॉली से शुरू हुई थी. अब कुत्ता, बिल्ली, घोड़ा – सबको क्लोन किया जा सकता है.

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लेकिन क्लोन बिलकुल वैसा नहीं होता

दिखने में 80-90% एक जैसा लगता है, पर रंग-रूप में फर्क हो सकता है. उदाहरण: एक रंग-बिरंगी बिल्ली को क्लोन किया गया तो नया बच्चा सादा भूरा निकला. स्वभाव बिलकुल अलग होता है. 

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पुराना कुत्ता शांत और प्यार करने वाला था. नया वाला शैतान या डरपोक निकल सकता है. क्योंकि स्वभाव सिर्फ जीन से नहीं, बचपन की परवरिश, खाना, खेलना, घर का माहौल – इन सब से बनता है.

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क्लोनिंग की बहुत सारी समस्याएं

  • बहुत महंगी – एक कुत्ता क्लोन करने में 40-50 लाख रुपये तक लगते हैं. 
  • सफलता सिर्फ 16% – 100 में से 84 बार फेल हो जाता है.  
  • नया बच्चा बीमार रह सकता है – हड्डियां कमजोर, जल्दी गठिया, दिल की बीमारीय  
  • सरोगेट मां को दर्द – हार्मोन के इंजेक्शन, ऑपरेशन, गर्भपात का खतरा.  
  • पुरानी बीमारी दोबारा आएगी – अगर पुराने कुत्ते को कोई आनुवंशिक बीमारी थी, वो नये में भी आएगी.

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नैतिक सवाल भी बहुत बड़े हैं

जानवर अपनी मर्ज़ी से नहीं कह सकता कि उसका क्लोन बनाओ या नहीं.  लाखों बेघर कुत्ते-बिल्लियां आश्रय में नए घर की तलाश में हैं. 50 लाख रुपये में सैकड़ों जानवरों को नया जीवन दिया जा सकता है. ब्रिटेन में तो पालतू जानवरों की क्लोनिंग पर पूरी तरह बैन है. हमारे पालतू 10-15 साल ही जीते हैं. उनके साथ बिताया हर पल अनमोल है. क्लोन से हम उन्हें वापस नहीं ला सकते – सिर्फ उनका चेहरा ला सकते हैं. 

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