Vishnu Sahastranaam Path: भगवान विष्णु सृष्टि के पालनकर्ता हैं और इनकी पूजा उपासना से जीवन का निर्वाह सहज हो जाता है. भगवान विष्णु की उपासना के लिए विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ सबसे ज्यादा फलदायी होता है. इससे श्री हरि की कृपा से सारे काम आसानी से बनने लगते हैं. इसमें भगवान के सहस्त्र नामों का उल्लेख है. इसके अद्भुत श्लोक हर ग्रह और हर नक्षत्र को नियंत्रित कर सकते हैं परन्तु बृहस्पति की पीड़ा को दूर करने के लिए इसका पाठ अमोघ होता है.
कब जरूरी है विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ
- जब कुंडली में बृहस्पति नीच में हो या बहुत कमजोर हो तो तब विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए.
- जब कुंडली में बृहस्पति 6, 8, या 12 वे भाव से भ्रमण कर रहा हो.
- जब कुंडली में बृहस्पति के कारण पेट या लिवर की समस्या हो.
- जब संतान उत्पत्ति में या वैवाहिक जीवन में बाधा आ रही हो.
कैसे करें विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ?
- नित्य प्रातः इसका पाठ करें और पाठ के बाद भगवान विष्णु का ध्यान करें.
- पीले वस्त्र धारण करें तथा चने और गुड या पीली मिठाई का भोग लगाएं.
- बृहस्पतिवार शाम को नमक का सेवन न करें.
- जितने भी दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें और सात्विक वैष्णव भोजन ग्रहण करें.
- अगर संस्कृत भाषा में पाठ कठिन हो तो हिंदी में भी भगवान के नामों का जाप किया जा सकता है.
कामना पूरी करेंगे विष्णु भगवान
मानव जीवन से जुड़े सुख-दुख का चक्र श्रीहरि के हाथ में है. विष्णु सहस्त्रनाम के परम शक्तिशाली श्लोक आपके जीवन की हर बाधा, हर विपदा को दूर कर देंगे. विष्णु सहस्त्रनाम में भगवान श्री हरि के नामों की अद्भुत शक्ति है. जानकारों की मानें तो "विष्णु सहस्त्रनाम" का खास ग्रहों से भी संबंध है और इसके पाठ से संबंधित ग्रह भी शुभ परिणाम देने लगते हैं.