पवित्र अमरनाथ यात्रा बुधवार को शुरू हो गई. दक्षिण कश्मीर के इस पवित्र धाम की यात्रा करने के लिए इस साल 2 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है. 40 दिन चलने वाली यह यात्रा 26 अगस्त को खत्म होगी. कश्मीर में आतंकी हमले के अलर्ट के मद्देनजर तमाम सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. जहां सीआरपीएफ, सेना और एनएसजी के कमांडो यात्रा की सुरक्षा में मुस्तैद रहेंगे वहीं ड्रोन से भी नजर रखी जाएगी. इस यात्रा की सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं. आइए जानते हैं-
अमरनाथ यात्रा पर ख़ुफ़िया एजेंसियों और खतरे को देखते हुए इस बार तकनीक के आधार पर पूरे यात्रा रूट को सुरक्षित करने का प्लान तैयार हुआ है. अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर सुरक्षा एजेंसियों का अहम फैसला ये हुआ है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल 17 फीसदी ज्यादा सुरक्षा बलों की तादाद बढ़ाई जा रही है. पिछले साल 204 कंपनियां सुरक्षा बलों की थी उन्हें 2018 में बढ़ा कर 238 कंपनिया कर दिया गया है.

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इस साल 2,11,994 तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ यात्रा के लिए निर्धारित बैंक शाखाओं, समूह पंजीकरण सुविधा और हेलीकॉप्टर टिकट के जरिए अपना अग्रिम पंजीकरण कराया है.
-सेना, अर्धसैनिक बलों, राज्य पुलिस और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के लगभग 40,000 सुरक्षाकर्मी यात्रा ड्यूटी पर तैनात किए गए हैं.
-अमरनाथ यात्रा के संवेदनशील जगहों पर ड्रोन कैमरों से नजर रखी जाएगी. मौसम की जानकारी के लिए डॉप्लर रडार से ली गई जानकारी हर 3 घंटे में सभी यात्रियों को रेगुलर बेसिस पर दी जाएगी.
-टेलीफोन कनेक्टिविटी के लिए आर्मी ने ऑप्टिकल फाइबर केबल के जरिये बीएसएनएल की लाइन अमरनाथ गुफा तक बिछाई है "प्रोजेक्ट क्रांति" के तहत यात्रियों को कनेक्टिविटी दी जाएगी.
-प्राइवेट व्हीकल पर आतंकी खतरे से निपटने और उस पर नज़र रखने के लिए उसको अलग से कार्ड दिया जाएगा.
-NSG कमांडो को स्टैंडबाई पोजीशन में रखा जा रहा है हॉस्टेज की स्थिति में NSG के कमांडो ऑपरेशन करेंगे.

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आज भी अनसुलझे हैं अमरनाथ गुफा के ये रहस्य
-इस वर्ष की यात्रा के लिए पहली बार खुफिया अधिकारी सादी वर्दी में इलेक्ट्रॉनिक और मानव चौकसी करेंगे.
-पहली बार रेडियो फ्रिक्वेंसी लगे यात्रा वाहन, ड्रोन के जरिए निगरानी और कमांडो के मोटरसाइकिल दस्ते यात्रा मार्ग पर तैनात सेना, अर्धसैनिक बल और पुलिसकर्मियों की मदद के लिए तैनात किए जा रहे हैं.
-वार्षिक यात्रा का प्रबंधन करने वाला श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने इस वर्ष प्रत्येक मार्ग से हर रोज 7,500 यात्रियों को ही छोड़ने का निर्णय लिया है. इसमें हालांकि हेलीकॉप्टर सेवा के जरिए गुफा तक पहुंचने वाले यात्री शामिल नहीं होंगे.
-समुद्र तल से 12,756 फुट की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा में बर्फ का शिवलिंग निर्मित होता है, जिसके दर्शन के लिए श्रद्धालु प्रतिवर्ष वहां उमड़ते हैं.
अमरनाथ यात्रा शुरू, कड़ी सुरक्षा के बीच जम्मू बेस कैंप से यात्रियों का पहला जत्था रवाना
-तीर्थयात्री कश्मीर के दो आधार शिविरों बालटाल और पहलगाम के लिए जम्मू से रवाना होते हैं. फिर कश्मीर के गंदेरबाल स्थित बालटाल और अनंतनाग स्थित नुनवान ... पहलगाम आधार शिविर पहुंचते हैं. उसके बाद तीर्थयात्री पैदल ही 3880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गुफा मंदिर के लिए रवाना होते हैं.
-यात्रा का समापन 26 अगस्त को होगा जिस दिन रक्षा बंधन भी है.
-पहली बार इस बार अमरनाथ जाने वाले वाहनों में रेडियो फ्रीक्वेंसी टैग का इस्तेमाल किया जाएगा और सीआरपीएफ का मोटरसाइकिल दस्ता भी सक्रिय रहेगा.
-आधारशिवरों , मंदिरों , रेलवे स्टेशनों , बस स्टैंडों और अन्य भीड़भाड़ वाले स्थानों के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है.
-तीर्थयात्रियों द्वारा लिये गए प्रीपेड मोबाइल नम्बरों की वैधता भी सात दिन से बढ़ाकर 10 दिन कर दी गई है.
-पिछले वर्ष कुल 2.60 लाख तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ गुफा में दर्शन किये थे.
-वर्तमान रास्ते की क्षमता और तीर्थयात्रा क्षेत्र में उपलब्ध अन्य आधारभूत ढांचे को ध्यान में रखते हुए श्रीअमरनाथ श्राइन बोर्ड ने प्रतिदिन 7500 तीर्थयात्रियों को प्रत्येक रास्ते पर इजाजत देने का निर्णय किया है.