Vastu Tips: ऐसे कपड़ों से घर में बढ़ती है नेगेटिविटी, जानें किस रंग के वस्त्र पहनना शुभ
वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार फटे-पुराने कपड़ों या चादरों से घर में नकारात्मक ऊर्जा (Negative Energy) और बुरी मानसिकता का निर्माण होता है. फटे-पुराने वस्त्रों को सफाई के काम में उपयोग करना चाहिए.
वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) के अनुसार कपड़ों का व्यक्तित्व पर बहुत असर पड़ता है. कपड़ों का साफ-सुथरा होना अत्याधिक आवश्यक है, फिर चाहे उसमें घर के पर्दे, चादर हों या पहनने वाले कपड़े हों. कपड़ों से व्यक्ति के व्यवहार से लेकर आत्मविश्वास तक की झलक दिखाई देती है. कपड़े व्यक्तित्व को भी दर्शाने का काम करते हैं.
किसी व्यक्ति को उसके कपड़े पहनने के तरीके, कपड़ों के रंग और गुणवत्ता से पहचाना जा सकता है कि उसका सामाजिक स्तर और व्यवसाय किस प्रकार का है. आइए वास्तु के अनुसार जानते हैं कपड़ों का महत्व.
वास्तु के अनुसार फटे-पुराने कपड़ों या चादरों से घर में नकारात्मक ऊर्जा (Negative Energy) और बुरी मानसिकता का निर्माण होता है. फटे-पुराने वस्त्रों को सफाई के काम में उपयोग करना चाहिए.
वास्तु शास्त्र के अनुसार बुधवार, गुरुवार एवं शुक्रवार को ही नवीन यानी नए वस्त्र पहनने चाहिए. शनिवार को नए वस्त्र पहनने से कपड़े जल्दी फटते हैं.
विवाह के इच्छ़ुक युवक और युवतियों को काले रंग के कपड़ों का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए. जबकि गुलाबी, नारंगी और हल्के रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है.
यदि किसी के अंदर आत्मविश्वास की कमी हो तो लाल रंग ज़्यादा पहनना चाहिए. इस रंग के कपड़े पहनने से व्यक्ति उत्साही, ऊर्जावान तथा प्रबल इच्छाशक्ति वाला बनता है.
यदि व्यक्ति के जीवन में प्रेरणा की कमी है तो पीला रंग के वस्त्र ज़्यादा पहनने चाहिए. इससे व्यक्ति चुनौती पसंद, प्रेरणा प्रदान करने वाले व सदा अपने कार्यों में लगे रहने वाले बनते हैं.