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गुरु अपराध! क्या हुआ जब नीम करोली के भक्त ने प्रेमानंद महाराज से कहा- 'अब आपमें गुरु दिखता है'

Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज के दरबार में एक परिवार पहुंचा और स्वयं को नीम करोली बाबा का भक्त बताते हुए पूछा कि अब बाबा सशरीर नहीं हैं, इसलिए वे प्रेमानंद जी को गुरु स्वरूप मान रहे हैं. क्या यह गुरु अपराध माना जाएगा? इस विषय पर उन्होंने मार्गदर्शन की इच्छा जताई.

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प्रेमानंद महाराज के दरबार में एक परिवार ने कहा कि नीम करोली बाबा सशरीर हमारे बीच नहीं हैं तो अब आपके अंदर गुरु दिखता है. (Photo: Insta/Bhajanmarg_official/nkbashram)
प्रेमानंद महाराज के दरबार में एक परिवार ने कहा कि नीम करोली बाबा सशरीर हमारे बीच नहीं हैं तो अब आपके अंदर गुरु दिखता है. (Photo: Insta/Bhajanmarg_official/nkbashram)

Premanand Maharaj And Neem Karoli Baba: प्रेमानंद महाराज का नाम आज धर्म-अध्यात्म के क्षेत्र में खूब गूंज रहा है. ऐसे ही एक महान संत नीम करोली बाबा भी रहे हैं, जिनके देश-दुनिया में लाखों भक्त हैं. हाल ही प्रेमानंद महाराज के दरबार में एक परिवार ने अर्जी लगाई और बताया कि वो नीम करोली बाबा के भक्त हैं. लेकिन जीवन में सुधार की इच्छा जागी तो हम आपसे जुड़ गए. चूंकि अब नीम करोली बाबा सशरीर हमारे बीच नहीं हैं तो हमें आपके अंदर गुरु देव दिखते हैं. तो क्या इससे गुरु अपराध तो नहीं हो रहा है.

इसके बाद प्रेमानंद महाराज ने जवाब देते हुए कहा, 'गुरु एक व्यक्ति नहीं होता है. गुरु परम सत्य है और ईश्वर के समान है. शरीर चाहे कोई भी हो. पहनावा कुछ भी हो. लेकिन अगर आपको किसी की जुबान से भगवत प्राप्ति का मार्ग मिल रहा है तो वो गुरु वाणी ही है. उनके प्रवचनों को गुरु देव के वचन ही मानना चाहिए.'

इसके बाद उस परिवार ने यह भी पूछा कि नीम करोली बाबा को राम नाम अत्यंत प्रिय था. इसलिए हम लोग राम नाम और हनुमान चालीसा का जाप करते हैं. तो क्या इससे हमारी समस्या हल हो जाएगी.

इस पर प्रेमानंद महाराज ने कहा, 'राम नाम और हनुमान चालीसा के जाप पर कभी संशय मत करना. भगवान के जितने नाम हैं, वो सब सामर्थ्य रखने वाले हैं. यदि नामजप को लेकर संशय मन में बना रहा तो बहुत नुकसान हो जाएगा. आपको नाम, साधाना, गुरु कुछ बदलने की जरूरत नहीं है. आपको सिर्फ भाव बदलने की जरूरत है. जब मैं राधा कहूं तो आप समझिए कि आपके लिए राम बोल रहा हूं. राधा, कृष्ण या राम सब भगवान के ही नाम हैं.'

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प्रेमानंद महाराज ने आगे कहा, 'ईश्वर के अनंत नाम हैं. आप किसी भी नाम का जाप करिए. बस उस नाम के प्रति अपनी श्रद्धा कम मत मत होने दीजिए. राधा नाम लाल जू के मन का गुप्त धन है और ये उनकी कृपा से ही मिल सकता है. जो सिद्धांत आपको अपनी उपासना में ठीक लगे, उसे ग्रहण कर लो. और जो हमारी उपासना में ठीक लगे, उसे सुनकर प्रणाम कर लो.'

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