Pradosh Vrat 2021: प्रदोष व्रत को त्रयोदशी व्रत के नाम से भी जाना जाता है. आज 16 दिसंबर दिन गुरुवार को मार्गशीर्ष शुक्ल की त्रयोदशी है. प्रदोष व्रत और अनंग त्रयोदशी एक साथ होने की वजह से आज की गई पूजा और व्रत का विशेष लाभ जातकों को मिलेगा. आज के दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष मुहूर्त में करें, वहीं अनंग त्रयोदशी पर शिव और शक्ति के साथ कामदेव और रति की पूजा भी जरूर करें. जानें प्रदोष व्रत और अनंग त्रयोदशी (Pradosh Vrat/Ananga Trayodashi) की पूजा विधि व शुभ मुहूर्त...
प्रदोष व्रत पूजा विधि (Pradosh Vrat Puja Vidhi)
स्नान आदि करने के बाद आप साफ़ वस्त्र पहन लें. उसके बाद आप बेलपत्र, अक्षत, दीप, धूप, गंगाजल आदि से भगवान शिव की पूजा करें. इस व्रत में भोजन नहीं किया जाता है. पूरे दिन का उपवास रखने के बाद सूर्यास्त से कुछ देर पहले दोबारा स्नान कर लें और सफ़ेद रंग के वस्त्र धारण करें. गंगा जल से पूजा स्थल को शुद्ध कर लें. इसके बाद गाय का गोबर लें और उसकी मदद से मंडप तैयार कर लें. पांच अलग-अलग रंगों की मदद से आप मंडप में रंगोली बना लें. पूजा की सारी तैयारी करने के बाद आप उतर-पूर्व दिशा में मुंह करके कुशा के आसन पर बैठ जाएं. भगवान शिव के मंत्र ऊँ नम: शिवाय का जाप करें और शिव को जल चढ़ाएं.
अनंग त्रयोदशी पूजा विधि (Ananga Trayodash Puja Vidhi)
इस दिन गंगाजल डालकर सर्वप्रथम सुबह स्नान करना चाहिए. सफ़ेद वस्त्र पहनें, शिव मंदिर जाकर सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें. इसके बाद दूध, दही, गुड़, घी और शहद से शिवजी का अभिषेक करें. शिवजी को सफेद फूल, सफेद मिठाई, बेलपत्र, केला और अमरूद अर्पित करें. फिर शिवजी के मंत्र ॐ नमः शिवाए का जाप करें और 13 सिक्के भी चढ़ाएं.
प्रदोष व्रत/अनंग त्रयोदशी पूजा शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat/Ananga Trayodashi Puja Shubh Muhurat)
प्रदोष व्रत की पूजा के लिए मुहूर्त शाम को 05 बजकर 27 मिनट से रात 08 बजकर 11 मिनट तक है. इस शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की पूजा करें. वहीं अनंग त्रयोदशी के लिए आज के दिन किली भी समय पूजा कर सकते है, क्योंकि शिव पूजा में राहुकाल मान्य नहीं होता है.