Paush Month 2024 Date: हिन्दू पंचांग के 10वे महीने को पौष कहते हैं. इस बार पौष मास 16 दिसंबर से 13 जनवरी तक रहेगा. इस महीने में हेमंत ऋतु का प्रभाव रहता है. इसलिए सर्दी काफी रहती है. इस महीने में सूर्य अपने विशेष प्रभाव में रहता है और अत: सूर्य की उपासना ही फलदायी होती है. ऐसी मान्यता है कि इस महीने सूर्य ग्यारह हजार रश्मियों के साथ व्यक्ति को उर्जा और स्वास्थ्य प्रदान करता है. पौष मास में अगर सूर्य की नियमित उपासना की जाए तो वर्षभर व्यक्ति स्वस्थ्य और संपन्न रहेगा.
पौष मास का महत्व
इस महीने में मध्य रात्रि की साधना उपासना त्वरित फलदायी होती है. इस महीने में गर्म वस्त्रों और नवान्न का दान काफी उत्तम होता है. लाल और पीले रंग के वस्त्र भाग्य में वृद्धि करते हैं. घर में कपूर की सुगंध का प्रयोग स्वास्थ्य को खूब अच्छा रखता है.
कैसे करें पौष मास में सूर्य देव की उपासना?
पौष मास में प्रत्येक दिन नित्य प्रातः स्नान करने के बाद सूर्य को जल अर्पित करें. ताम्बे के पात्र से सूर्य को जल दें. जल में रोली और लाल फूल जरूर डालें. इसके बाद सूर्य के मंत्र "ॐ आदित्याय नमः" का जाप करें. इस माह नमक का सेवन कम से कम करें.
खान-पान में सावधानी
पौष की महीने में खाने पीने में मेवे और स्निग्ध चीजों का इस्तेमाल करना उचित होता है. चीनी की बजाय गुड का सेवन करें. अजवाइन, लौंग और अदरक का सेवन लाभकारी होता है. स्नान में गड़बड़ी और अत्यधिक खाना खतरनाक हो सकता है - इस महीने में बहुत ज्यादा तेल घी का प्रयोग भी उत्तम नहीं होगा।
सूर्य उपासना के महामंत्र
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः।
ॐ सूर्याय नम:
ॐ घृणि सूर्याय नम:
ॐ हृां मित्राय नम: