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Narsimha Jayanti 2025: आज है नृसिंह जयंती, जानें पूजन का शुभ मुहूर्त और उपासना विधि

Narsimha Jayanti 2025: नृसिंह अवतार भगवान विष्णु के दस अवतारों में से एक है. भगवान नृसिंह शक्ति एवं पराक्रम के देवता हैं तथा इन्हें शत्रुओं के नाशक के रूप में जाना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिए आधा मनुष्य व आधा शेर का शरीर धारण करके दैत्यों के राजा हिरण्यकश्यपु का वध किया था.

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नृसिंह जयंती हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है
नृसिंह जयंती हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाई जाती है

Narsimha Jayanti 2025: 11 मई यानी आज नृसिंह जयंती मनाई जा रही है. नृसिंह जयंती हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है. नृसिंह भगवान विष्णु के अवतार हैं. नृसिंह भगवान ने दैत्य राज हिरण्यकशिपु का वध किया था. इसी तिथी पर विष्णु भगवान नृसिंह रूप में प्रकट हुए थे. नृसिंह अवतार में भगवान विष्णु ने आधा शरीर सिंह का और आधा शरीर मनुष्य का धारण किया था. विधिवत पूजन करने से शत्रुओं पर विजय और कोर्ट कचहरी के मामलों में सफलता मिलती है तथा आत्मविश्वास में वृद्धि होती है. 

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नृसिंह जयंती पूजन का मुहूर्त (Narsimha Jayanti 2025 Shubh Muhurat)

नृसिंह जयंती की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 10 मई यानी कल शाम 5 बजकर 29 मिनट पर शुरू हो चुकी है और तिथि का समापन 11 मई को रात 8 बजकर 01 मिनट पर होगा. 

पारण का समय- 12 मई को सुबह 5 बजकर 32 मिनट पर होगा. 

पूजा का मुहूर्त- शाम 4 बजकर 21 मिनट से लेकर 7 बजकर 03 मिनत तक रहेगा. इस बीच भगवान नृसिंह का पूजन किया जा सकता है.  

नृसिंह जयंती की पूजन विधि (Narsimha Jayanti Pujan Vidhi) 

भगवान नृसिंह की पूजा शाम के समय की जाती है. दोपहर के समय तिल, गोमूत्र, मिट्टी और आंवले को शरीर पर मलकर शुद्ध जल से स्नान करें. पूजा के स्थान को साफ कर भगवान नृसिंह की फोटो लगाएं. भगवान नृसिंह के चित्र के सामने दीपक जलाएं. उन्हें प्रसाद और लाल फूल अर्पित करें. इसके बाद अपनी मनोकामना का ध्यान करके इनके मंत्रों का जाप करें. भगवान नृसिंह के मंत्रों का जाप मध्य रात्रि में भी करना सबसे शुभ माना जाता है. व्रत के दिन फलाहार करें. अगले दिन किसी गरीब व्यक्ति को अन्न-वस्त्र का दान करके अपने व्रत का समापन करें.

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नरसिंह जयंती उपाय (Narsimha Jayanti Upay) 

1. धन प्राप्ति या पैसों की बचत के लिए भगवान नरसिंह को नागकेसर अर्पित करें और फिर शाम के समय घर की तिजोरी में इस फूल को रख दें. 

2. कालसर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए नरसिंह जयंती के दिन नरसिंह मंदिर में जाएं और वहां एक मोरपंख चढ़ाएं. 

क्यों भगवान विष्णु ने लिया था नरसिंह भगवान का अवतार (Narsimha Jayanti Katha)

धार्मिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु ने दैत्यों के राजा हिरण्यकश्यप से अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिए आधे नर और आधे सिंह के रूप में नरसिंह अवतार लिया था. इसलिए तभी से इस दिन को भगवान नृसिंह की जयंती के रूप में बड़े ही हर्सोल्लास के साथ मनाया जाता है. भगवान नृसिंह शक्ति और पराक्रम के देवता माने जाते हैं. भगवान नृसिंह, श्रीहरि विष्णु के उग्र और शक्तिशाली अवतार कहे जाते हैं. मान्यता है कि इनकी पूजा-अर्चना करने से हर तरह के संकट से रक्षा होती है.

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