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Indresh Upadhyay: लाला इंद्रेश हम सबके हृदय में... जब प्रेमानंद महाराज से मिलने पहुंचे कथावाचक के पिता

Indresh Upadhyay Father Meet Premanand Maharaj: कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय के पिता कृष्ण चंद्र ठाकुर संत प्रेमानंद महाराज से मिलने पहुंचे. इस दौरान प्रेमानंद महाराज ने इंद्रेश उपाध्याय की खूब तारीफ की. उन्होंने कहा कि इंद्रेश जी का स्वभाव बहुत ही सौम्य और मृदु भाषी है और वे आसानी से लोगों का दिल जीत लेते हैं.

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कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय के पिता प्रेमानंद महाराज से मिले. (Social Media)
कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय के पिता प्रेमानंद महाराज से मिले. (Social Media)

Indresh Upadhyay Father Meet Premanand Maharaj:  प्रसिद्ध कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय की हाल ही शादी हुई.उनके विवाह और शादी के कार्ड ने खूब चर्चा बटोरी. अब उनके पिता कृष्ण चंद्र ठाकुर जी और प्रेमानंद महाराज की मुलाकात का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस भेंट के दौरान बातचीत का अहम हिस्सा कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय रहे. प्रेमानंद महाराज ने कहा कि इंद्रेश उपाध्याय जी का स्वभाव ऐसा है कि लूट लेता है और वो एक बार जिसके पास जाते हैं, उसको अपना बना लेते हैं. 

प्रेमांनद महाराज ने की कथावाचक इंद्रेश की तारीफ

प्रेमांनद महाराज ने  इंद्रेश उपाध्याय के स्वभाव की तारीफ  करते हुए कहा कि उनका स्वभाव मृदु महा भागवत स्वरूप है. इंद्रेश जी पर हमारे संत-महात्मा, वैष्णव, सब आत्मा की तरह प्यार करते हैं. उनका स्वभाव है कि लूट लेता है. एक बार जिसके पास गए, अपना बना लेते हैं. प्रेमानंद महाराज ने इंद्रेश उपाध्याय की वाणी और कथावाचन की शैली पर भी विशेष तारीफ की. उन्होंने उनके पिता से यह बात कही कि  आपकी ऐसी कृपा है, कि उनकी वाणी में अमृत विराजमान है. जब वह भागवत चर्चा करते हैं तो चित्त को एकाग्रता करनी नहीं पड़ती, चित्त स्वाभाविक एकाग्र हो जाता है. 

विवाह ने बटोरी सुर्खियां
बातचीत के दौरान कृष्ण चंद्र ठाकुर जी ने कहा कि इंद्रेश जी दो बार आप से बार मिल चुके हैं. दरअसल यह वीडियो पुराना है.और इंद्रेश की शादी के बाद यह अब वायरल हो रहा है. 

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इंद्रेश उपाध्याय का विवाह 5 दिसंबर को जयपुर के आमेर स्थित ताज होटल में वैदिक रीति-रिवाजों के अनुसार संपन्न हुआ.  यह शादी केवल एक पारिवारिक उत्सव नहीं थी, बल्कि धार्मिक और सामाजिक जगत में भी खूब चर्चा का विषय बनी रही.

देशभर से आए संत, महंत, आचार्य और कई विशिष्ट अतिथियों ने इस आयोजन में आकर उन्हें आशीर्वाद दिया. पूरे विवाह समारोह में वैदिक मंत्रोच्चार, पारंपरिक रीतियों और आध्यात्मिक वातावरण का विशेष रंग देखने को मिला, जिसने इस शादी को और भी खास और यादगार बना दिया. 

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