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Kartik Purnima 2025: हिंदू धर्म से लेकर बौद्ध धर्म! जानें सभी धर्मों में कार्तिक पूर्णिमा का क्या है महत्व

Kartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा का पर्व आज पूरे देश में श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है. यह दिन न सिर्फ हिंदू धर्म बल्कि जैन, सिख और बौद्ध धर्म में भी बेहद पवित्र माना जाता है. इस दिन देव दिवाली मनाई जाती है और गंगा स्नान, दीपदान और दान-पुण्य का भी इस दिन विशेष महत्व होता है.

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कार्तिक पूर्णिमा का सभी धर्मों में महत्व (Photo: AI Generated)
कार्तिक पूर्णिमा का सभी धर्मों में महत्व (Photo: AI Generated)

Kartik Purnima 2025: पूरे देश में 5 नवंबर यानी आज कार्तिक पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है. हिंदू पंचांग के कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाई जाती है, और यह दिन पूरे वर्ष की सबसे शुभ और पवित्र पूर्णिमा मानी जाती है. यह दिन दीप, दान और स्नान का प्रतीक है, जब भक्त भगवान विष्णु और शिव की उपासना करते हैं. इस दिन गंगा स्नान और दीपदान से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. 

धार्मिक नजरिए से, कार्तिक पूर्णिमा हिंदू धर्म के अलावा जैन धर्म, सिख धर्म और बौद्ध धर्म में भी बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है. चलिए जानते हैं इसके पीछे का कारण. 

1. हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का महत्व

हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का दिन बहुत ही खास और शुभ माना जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लेकर सृष्टि की रक्षा की थी. वहीं, भगवान शिव ने भी इसी दिन त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था, इसलिए इसे देव दिवाली यानी देवताओं की दीपावली कहा जाता है. इस दिन लोग पवित्र नदियों जैसे गंगा, यमुना या गोदावरी में स्नान करते हैं और दीपदान करते हैं. मान्यता है कि इस दिन किया गया दान और पूजा हजार गुना फल देती है. इस दिन संध्या के समय गंगा के सभी तटों पर लाखों दीपक जलाए जाते हैं और देवताओं से अपनी इच्छापूर्ति के लिए आशीर्वाद मांगा जाता है.

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2. जैन धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का महत्व

जैन धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का पर्व बहुत ही विशेष माना जाता है. दरअसल, जैन धर्म में कार्तिक पूर्णिमा के महत्वपूर्ण होने के कुछ विशेष कारण बताए गए हैं. पहला यह है कि कार्तिक पूर्णिमा से ही जैन धर्म के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल गिरिराज पर्वत (शत्रुंजय तीर्थ) की पवित्र यात्रा की शुरुआत होती है. हजारों श्रद्धालु इस दिन तीर्थ यात्रा पर निकलते हैं और भगवान महावीर तथा उनके प्रमुख शिष्य गौतम गणधर को स्मरण करते हैं.

इसके अलावा, जैन धर्म में यह दिन और भी खास इसलिए है क्योंकि इसी तिथि पर महान संत श्रीमद् विजय हेमचंद्राचार्य भगवंत का जन्म हुआ था. उनके जन्मोत्सव को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है. साथ ही, जैन साधु-साध्वी इसी दिन से विहार यात्रा की भी शुरुआत करते हैं. 

3. सिख धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का महत्व

सिख धर्म के लिए कार्तिक पूर्णिमा बहुत ही महत्वपूर्ण पर्वों में से एक माना जाता है क्योंकि इसी दिन सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव का जन्म हुआ था. गुरु नानक जयंती को गुरु पर्व और गुरु पूरब के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन सिख धर्म के लोग गुरुद्वारों को दीपों और फूलों से सजाते हैं. इसके अलावा, इस दिन नगरों में भजन-कीर्तन किए जाते हैं और लंगर का आयोजन किया जाता है.

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4. बौद्ध धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का महत्व

बौद्ध धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का बहुत ही विशेष महत्व बताया गया है क्योंकि यह दिन बहुत ही सारी विशेष घटनाओं से संबंधित है. दरअसल, इसी दिन बौद्ध धर्म के धर्म सेनापति सारिपुत्र का महापरिनिर्वाण और सम्राट अशोक का परिनिर्वाण हुआ था. वहीं, भिक्षु अपना वर्षावास समाप्त करते हैं और भिक्षुओं को 'कठिन चीवर दान' दिया जाता है. साथ ही, यह दिन बौद्ध धर्म के देवलोक से संकिसा में अवतरण के लिए भी मनाया जाता है. इनके अलावा, कई बौद्ध देशों जैसे श्रीलंका, थाईलैंड और म्यांमार में इस दिन दीप जलाने और दान करने की परंपरा है.

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