Hanuman Jayanti 2023: हनुमान जी को बजरंगबली, संकट मोचन, महावीर के नामों से भी जाना जाता है. हनुमान जयंती साल में दो बार मनाई जाती है. साल की पहली हनुमान जयंती चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है और दूसरी कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. हनुमान जयंती मनाने के बारे में बात की जाए तो एक तिथि को विजयअभिनंदन के रूप में मनाया जाता है, जबकि दूसरी तिथि को जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. आइए जानते हैं आखिर साल में दो बार हनुमान जयंती क्यों मनाई जाती है.
पहली हनुमान जयंती कब पड़ती है ?
पौराणिक कथा के अनुसार, जब बाल हनुमान ने सूर्य को आम समझ कर उन्हें खाने के लिए दौड़े थे और आकाश में उड़ने लगे. उसी दिन राहु भी सूर्य पर ग्रहण लगाना चाहते थे, लेकिन हनुमान जी को देखकर सूर्यदेव ने उन्हें दूसरा राहु समझ लिया. उस वक्त जब हाहाकार मचा तो इंद्र ने अपने वज्र से हनुमान जी पर प्रहार कर दिया था हनुमानजी को अचेत हो गए.
इससे पवन देव नाराज हो गए और पूरे संसार की वायु रोक दी. जिसके बाद सभी देवी देवताओं ने उन्हें मनाया और हनुमानजी को नया जीवन देकर उन्हें अनेक वरदान दिए. यह समय चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि थी. इसी वजह से चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को उनका जन्मदिन मनाया जाता है. इस दिन चैत्र माह की पूर्णिमा का दिन था.
दूसरी हनुमान जयंती कब पड़ती है ?
दूसरी हनुमान जयंती का जिक्र वाल्मीकि की रामायण में मिलता है. वाल्मीकि की रामायण के मुताबिक, हनुमान जी जब माता से मिलने गए थे. हनुमान जी की भक्ति और समर्पण भावना को देखकर मां सीता ने बजरंगबली को नरक चतुर्दशी तिथि को अमर होने का वरदान दिया था. यह तिथि दिवाली से एक दिन पहले मनाई जाती है. हनुमान जी भगवान शिव के 11वें रुद्र अवतार माने जाते हैं. कलयुग में हनुमान जी की पूजा से सबसे जल्दी इच्छा पूरी होती है. हनुमान जी की पूजा करने से ग्रह पीड़ा और शनि दोष से भी मुक्ति मिलती है.