महान अर्थशास्त्री और राजनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिसे इंसान को कोई सीखा नहीं सकता है, क्योंकि वे चीजें इंसान में मौजूद होती हैं, जिन्हें बदला नहीं जा सकता है. हालांकि, कुछ इंसान इस चीजों का सही इस्तेमाल कर कामयाबी हासिल कर लेते हैं. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि इंसान में जन्म के साथ ही मिले इन चीजों का जो व्यक्ति सही से इस्तेमाल कर लेता है, वो कामयाबी पा लेता है, जो इस प्रकार से हैं-
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि दान करना एक ऐसा गुण है जिसके ना रहने पर व्यक्ति के पास अकूत संपत्ति होने के बाद भी वो किसी गरीब की मदद नहीं कर पाता. हालांकि, इस गुण का अमीर-गरीब से कोई मतलब नहीं होता. सभी लोग दान कर सकते हैं. दान करने वाला व्यक्ति दूसरों के दुखों को समझता है.
चाणक्य कहते हैं कि धैर्य रखना किसी व्यक्ति को सिखाया नहीं जा सकता. यह एक ऐसी चीज है जिसे व्यक्ति को खुद ही अमल में लाना होता है. यह प्राकृतिक गुण है. हर व्यक्ति में इसकी क्षमता अलग-अलग होती है.
चाणक्य निर्णय लेने को लेकर कहते हैं कि हर व्यक्ति को अपने कार्यों से संबंधित या फिर जीवन के अनेकों पहलुओं से संबंधित निर्णय लेना होता है, लेकिन सभी व्यक्ति सही निर्णय नहीं ले पाते, क्योंकि हर व्यक्ति में इसकी क्षमता अलग-अलग होती है. कुछ लोग कठिन से कठिन परिस्थिति में भी निर्णय ले लेते हैं तो कुछ लोगों में यह क्षमता बहुत कम होती है.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि इंसान बचपन से ही बोलना शुरू कर देता है, लेकिन बड़ा होने के बाद उसकी बोली जैसी होती है उसका विकास भी उसी प्रकार से होता है. मीठे बोल बोलने का गुण प्रत्येक व्यक्ति में होता है लेकिन बहुत कम ही लोग होते हैं जो इस गुण को अपने जीवन में उतार पाते हैं.
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