मौर्य साम्राज्य के संस्थापक, कुशल राजनीतिज्ञ, चतुर कूटनीतिज्ञ, प्रकांड अर्थशास्त्री के रूप में जाने जाने वाले चाणक्य ने मनुष्य के लिए कई प्रांसगिक नीतियां बनाई हैं. इन नीतियों की मदद से मनुष्य अपने जीवन में सफलता को प्राप्त कर सकता है. यही कारण है कि चाणक्य को नीतिशास्त्र का परम ज्ञाता माना जाता है.
उन्होंने अपने चाणक्य नीति में एक श्लोक के माध्यम से मुर्गे के चार गुणों का वर्णन किया है, जिसे मनुष्य अपने जीवन में अपना ले तो कामयाबी हासिल कर सकता है. आइए जानते हैं इन गुणों के बारे में...
प्रत्युत्थानं च युद्धं च संविभागं च बंधुषु।
स्वयमाक्रम्य भुक्तं च शिक्षेच्चत्वारि कुक्कुटात्।।
इस श्लोक के माध्यम से आचार्य चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य को मुर्गे से उसकी चार आदतें जरूर सीखनी चाहिए. वो कहते हैं कि व्यक्ति को मुर्गे की तरह समय पर जागने की आदत होनी चाहिए. मनुष्य सुबह समय पर जाग जाए तो वो पूरा दिन काम कर सकता है और कामयाबी हासिल कर सकता है. साथ ही यह उसके स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक होता है.
मुर्गे के दूसरे गुण की बात करते हुए चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य को हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए, यानी चौकन्ना रहना चाहिए. कहीं ऐसा न हो कि आपका दुश्मन आप पीछे चाल चल दे और आपको पता ही न चले.
साथ ही चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य को मुर्गे की तरह दोस्तों और अपनों को उनके हिस्से की चीज देने की आदत होनी चाहिए. व्यक्ति को मुर्गे के चौथे गुण को आत्मकरना चाहिए और हमेशा मेहनत करके जीवन यापन करना चाहिए. चाणक्य के मुताबिक मुर्गे की इन आदतों को अपनाने से मनुष्य को जीवन में तरक्की पाने में मदद मिलती है.
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