Christmas 2025: क्रिसमस का जश्न अपने चरम पर पहुंच चुका है. घरों में सजावट दिख रही है, चारों तरफ रौनक है. इसी के साथ क्रिसमस ट्री अब ज्यादातर घरों का सबसे आकर्षक हिस्सा बन चुका है. लेकिन जैसे ही उत्सव खत्म होता है, एक सवाल उठता है कि क्रिसमस ट्री कब हटाएं? यह सवाल कोई नया नहीं है, बल्कि सदियों पुराना है. दरअसल, क्रिसमस की सजावट की परंपरा नॉर्डिक रीति (प्राकृतिक तरीके से पेड़ों की सजवाट) से शुरू हुई और धीरे-धीरे यह कई घरों का केंद्र बन गई. फैंसी लाइट्स, रंग-बिरंगे गेंद और प्राकृतिक सजावट जैसे होली, मिस्टलटॉ और आइवी ने इसे सिर्फ सुंदर ही नहीं, बल्कि खुशियों और उमंग का प्रतीक भी बना दिया.
परंपरा क्या कहती है?
पुरानी परंपराओं के अनुसार, क्रिसमस ट्री और सजावट को 12वें दिन यानी 5 या 6 जनवरी को हटाना चाहिए. इसका कारण यह है कि तीन बुद्धिमान पुरुष (Three Wise Men) यीशु के जन्म के 12 दिन बाद आए थे. ऐसा माना जाता है कि क्रिसमस ट्री पर लगी सजावट और रोशनी तीन महान पुरुषों के स्वागत का प्रतीक होती है. अगर इसे जल्दी हटा दिया जाए, तो उनके आगमन का प्रतीकात्मक महत्व खत्म हो जाता है.
जल्दी हटाने से बुरी किस्मत क्यों आती है?
पुरानी मान्यताओं के अनुसार क्रिसमस के मौके पर इस खास सजावट से घर में गर्मी और सुरक्षा आती हैं, पुरानी मान्यता यह भी है क्रिसमस के मौके पर लगाए गए इस ट्री में अच्छी आत्माओं का वास भी होता है, लेकिन जब त्योहार खत्म हो जाता, तो इन आत्माओं को अपने स्थान पर लौटना जरूरी हो जाता है. अगर सजावट एपिफनी (यानी ईसाई धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार जिसे “थ्री किंग्स डे” या “तीन बुद्धिमान पुरुषों का दिन” भी कहा जाता है) तक घर में रहती हैं, तो आत्माओं के लौटने का रास्ता बंद हो जाता और ऐसा माना जाता था कि इससे अगले साल फसल खराब हो सकती हैं और कष्ट आ सकते हैं. इसलिए इसे 5–6 जनवरी की रात तक हटाना शुभ माना गया.
इस दिन भी हटाना शुभ
2 फरवरी (कैंडलमास): 18वीं सदी में कई स्थानों पर क्रिसमस सजावट को 2 फरवरी तक रखने की परंपरा थी. यह उस दिन से जुड़ा है जब यीशु को पवित्र स्थान में पेश किया गया.
1 जनवरी: कुछ लोग नया साल शुरू होते ही सजावट हटाना पसंद करते हैं.
2 फरवरी तक रखना: अगर आप घर में छुट्टियों का माहौल लंबे समय तक बनाए रखना चाहते हैं, तो इसे 2 फरवरी तक रखा जा सकता है.