Bada Mangal 2025: ज्येष्ठ मास के मंगलवार, जिन्हें बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल कहा जाता है. यह त्योहार अक्सर मई और जून के महीने में पड़ता है और इसमें 4 से 5 मंगलवार शामिल होते हैं. इन दिनों को बजरंगबली की पूजा के लिए अत्यंत शक्तिशाली और पवित्र माना जाता है. मान्यतानुसार, इस दौरान सच्चे मन से हनुमान जी की आराधना करने से जीवन की सभी परेशानियां दूर होती हैं और उनकी कृपा प्राप्त होती है.
आज साल का आखिरी बड़ा मंगल है. इस दिन भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करके हनुमान जी को सिंदूर, फूल, और बूंदी के लड्डू चढ़ाएं. साथ ही, सरसों के तेल का दीपक जलाएं. जरूरतमंदों को गुड़-चना बांटना भी इस दिन की खास परंपरा है.
बड़ा मंगल शुभ मुहूर्त (Bada Mangal 2025 Shubh Muhurat)
बड़ा मंगल पर कल रवि योग और अभिजीत मुहूर्त पर बजरंगबली हनुमान जी की उपासना की जा सकती है. रवि योग की शुरुआत आज सुबह 5 बजकर 23 मिनट पर शुरू हो चुका है और इस योग का समापन आज शाम 6 बजकर 02 मिनट पर होगा.
बड़ा मंगल पर कैसे करें हनुमान जी की पूजा? (Bada Mangal Pujan Vidhi)
बड़ा मंगल पर सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और इसके बाद अपने पूजाघर की साफ-सफाई कर लें. आपको इस दिन साफ-सुथरे वस्त्र धारण करके ही हनुमान जी की पूजा करनी है. यदि आपने व्रत रखा है तो हनुमान जी की मूर्ति के आगे घी का दीपक जलाएं और व्रत रखने का संकल्प लें. इसके बाद हनुमान जी को सिंदूर, पुष्प, तिलक लगाएं और फिर धूप-दीप भी जला दें. उसके बाद हनुमान जी को बूंदी के लड्डू बहुत प्रिय हैं इसलिए उन्हें इनका भोग जरूर लगाएं. इसके बाद हनुमान जी की आरती करें और हनुमान चालीसा का पाठ जरूर करें. या चाहे तो हनुमान बाण का भी पाठ कर सकते हैं.
बड़ा मंगल के दिन करें ये उपाय (Bada Mangal Upay)
1. हनुमान मंदिर में दर्शन करें और सिंदूर, फूल और मिठाई चढ़ाएं.
2. हनुमान चालीसा का पाठ करें और शक्ति व सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त करें.
3. हनुमान जी के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं, जिससे नकारात्मकता दूर हो.
4. गरीबों में गुड़ और चना बांटें, जिससे दैवीय आशीर्वाद मिलता है.
बड़ा मंगल की कथा
बड़ा मंगल की कथा के अनुसार, पौराणिक मान्यताओं में दो प्रमुख घटनाएं हैं. पहली यह कि महाभारत काल में भीम को अपने बल पर घमंड हो गया था, जिसे हनुमान जी ने मंगलवार के दिन एक बूढ़े वानर के रूप में आकर तोड़ा.
दूसरी कथा यह है कि भगवान श्री राम का हनुमान जी से मिलन भी इसी दिन हुआ था, जब भगवान राम वन में विचरण कर रहे थे. ये कथाएं बड़ा मंगल के महत्व को दर्शाती हैं.