Sawan Somwar 2025: भगवान शिव को समर्पित सावन माह अब अपने अंतिम चरण में है. अब तक सावन के तीन सोमवार निकल चुके हैं और अब आखिरी सोमवार आने वाला है. चूंकि यह आखिरी सोमवार है तो इसलिए इसका महत्व और बढ़ जाता है. मान्यता है कि यदि इस दिन सच्चे भाव से शिवलिंग पर एक लोटा जल चढ़ाया जाए, तो प्रभु शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि सावन का आखिरी सोमवार कब है?
कब है सावन का आखिरी सोमवार?
इस साल सावन का आखिरी सोमवार 4 अगस्त को पड़ रहा है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ ब्रह्म और इंद्र योग का संयोग बनने वाला है. ऐसे में भक्तपूरे दिन कभी भी पूजा कर सकते हैं। हालांकि ब्रह्म मुहूर्त में पूजा करना सबसे उत्तम माना जाता है.
जलाभिषेक मूहुर्त
द्रिक पंचांग के अनुसार, सावन के आखिरी सोमवार के दिन जलाभिषेक का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 20 मिनट से लेकर सुबह 5 बजकर 02 मिनट तक रहेगा. साथ ही अभिजित मुहूर्त दोहपर 02:42 मिनट पर शुरू होगा और दोपहर 03:36 मिनट पर समाप्त होगा. इस दिन अमृत काल शाम 05:47 मिनट से लेकर शाम 07:34 मिनट तक रहेगा.
पूजन विधि
सावन के आखिरी सोमवार पर सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद व्रत का संकल्प लें. साथ ही र भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें. इसके बाद शिवलिंग का गंगाजल और पंचामृत से अभिषेक करें और बेलपत्र, चंदन, अक्षत, धतूरा, फल और मिठाई अर्पित करें. साथ ही घी का दीपक जलाएं और शिव चालीसा का पाठ करें. सावन सोमवार व्रत की कथा पढ़ें और भगवान की आरती करें. पूजा में हुई भूल के लिए भगवान शिव से क्षमा-प्रार्थना करें.
आखिरी सोमवार जरूर करें ये उपाय
सावन के आखिरी सोमवार को रुद्राभिषेक करना अत्यंत फलदायी माना गया है. ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और ग्रह दोष शांत होते हैं. साथ ही इस सोमवार 108 बेलपत्र लेकर उसपर सफेद चंदन लगाएं और शिवलिंग पर अर्पित करें. मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में चल रही सभी परेशानियों से राहत मिलती है.