पौष माह के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को पौष अमावस्या (Paush Amavasya 2021) कहते हैं. पौष मास की इस अमावस्या का शास्त्रों में बड़ा महत्व बताया गया है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, इस दिन दान-स्नान का विशेष महत्व होता है. पौष अमावस्या के शुभ मुहूर्त (shubh muhurt) पर धार्मिक कार्य, स्नान, दान, पूजा-पाठ और मंत्र जप करने से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं पौष अमावस्या का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि.
शुभ मुहूर्त- पौष अमावस्या का शुभ मुहूर्त बुधवार, 13 जनवरी को है. हालांकि अमावस्या तिथि मंगलवार, 12 जनवरी दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से प्रारंभ हो जाएगी और सोमवार 13 जनवरी सुबह 10 बजकर 29 मिनट पर इसका समापन होगा.
पूजन विधि- अमावस्या के दिन पितरों को शांत करने के लिए श्राद्ध कर्म, स्नान, दान-पुण्य और पितृ तर्पण करना शुभ माना गया है. सवेरे स्नान करने के बाद सूर्य देवता को जल अर्पण करें और लाल पुष्प और लाल चंदन डालकर अर्घ्य दें. कहते हैं कि इस दिन सच्चे मन से मांगी गई हर मनोकामना पूर्ण होती है. अंतत: पितरों का तर्पण किया जाता है. कुछ लोग पितरों को प्रसन्न करने के लिए इस दिन व्रत भी करते हैं.
इसके बाद पीपल के पेड़ और तुलसी के पौधे को जल अर्पित करें और एक चौमुखी दीपक जलाकर उनसे खुशहाल जीवन की प्रार्थना करें. अराधना करते हुए आप तुलसी या पीपल की परिक्रमा भी कर सकते हैं. अमावस्या के दिन पितरों के नाम से दान करना भी बड़ा शुभ माना जाता है. इस दिन आप किसी भी सफेद वस्तु या खाने की चीज का दान कर सकते हैं.