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Jaya ekadashi 2021: कब है जया एकादशी? इस पूजन विधि से होगी भगवान विष्णु की कृपा

एकादशी मन और शरीर को एकाग्र कर देती है, परन्तु अलग-अलग एकादशियां विशेष प्रभाव भी उत्पन्न करती हैं. जया एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक दिक्कतें दूर होती हैं और मन शांत रहता है. इस व्रत के नियमों का पालन करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है.

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23 फरवरी को मनाई जाएगी जया एकादशी
23 फरवरी को मनाई जाएगी जया एकादशी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 23 फरवरी को है जया एकादशी
  • इस व्रत से मिलती है हरि की कृपा
  • जानें व्रत के सही नियम

हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत का विशेष महत्व है. 23 फरवरी को माघ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी है. इस एकादशी को जया एकादशी कहते हैं. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इस व्रत को बहुत पुण्यदायी माना जाता है. मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति भूत, पिशाच आदि योनियों से मुक्त हो जाता है.  

जया एकादशी व्रत के नियम

यह व्रत दो प्रकार से रखा जाता है- निर्जल और फलाहारी या जलीय व्रत. सामान्यतः निर्जल व्रत पूर्ण रूप से स्वस्थ्य व्यक्ति को ही रखना चाहिए. अन्य या सामान्य लोगों को फलाहारी या जलीय उपवास रखना चाहिए. व्रत से एक दिन पहले सात्विक भोजन ग्रहण करें.  प्रात:काल स्नान के बाद व्रत का संकल्प लेकर धूप, दीप, फल और पंचामृत से भगवान विष्णु के श्री कृष्ण अवतार की पूजा करें. रात्रि में श्री हरि का भजन करें. अगले दिन किसी जरुरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को दान-दक्षिणा देकर व्रत का पारण करें.

जया एकादशी पारणा मुहूर्त:

24 फरवरी को सुबह 6 बजकर 51 मिनट से 9 बजकर 9 मिनट तक
अवधि: 2 घंटे 17 मिनट

जया एकादशी का महत्व 

एकादशी मन और शरीर को एकाग्र कर देती है, परन्तु अलग-अलग एकादशियां विशेष प्रभाव भी उत्पन्न करती हैं. जया एकादशी का व्रत रखने वाले व्यक्ति की सारी शारीरिक और मानसिक दिक्कतें दूर होती हैं और मन शांत रहता है. इस व्रत के नियमों का पालन करने से व्यक्ति के पापों का नाश होता है.  यह व्रत व्यक्ति के संस्कारों को शुद्ध कर देता है.

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