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Udaipur killing: कन्हैयालाल के खिलाफ 11 जून को पहली FIR, 28 को मर्डर... जानिए 18 दिन में कब क्या-क्या हुआ

उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड को लेकर पूरा देश हिल गया है. इस मामले में 11 जून को पहली FIR दर्ज हुई थी, इसके बाद समझौता भी हुआ था फिर भी दो मुस्लिम युवकों ने कन्हैयालाल की हत्या कर दी. जानिए इस मामले में कब क्या हुआ.

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मृतक टेलर कन्हैयालाल (बीच में) और आरोपी रियाज और गौस मोहम्मद
मृतक टेलर कन्हैयालाल (बीच में) और आरोपी रियाज और गौस मोहम्मद
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राजस्थान के उदयपुर में दिनदहाड़े हुई हत्या
  • दो युवकों ने बेरहमी से की टेलर कन्हैयालाल की हत्या

राजस्थान के उदयपुर में दिनदहाड़े हुई टेलर कन्हैयालाल की हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. कन्हैयालाल की हत्या उस वक्त हुई, जब वे अपनी दुकान में काम कर रहे थे. तभी दो युवक मोहम्मद गौस और रियाज कपड़े सिलवाने के लिए उनकी दुकान पर आए. इसी दौरान एक युवक ने उन पर हमला कर दिया. वहीं, दूसरा युवक इस घटना का वीडियो बनाता रहा. इसके बाद आरोपियों ने वीडियो जारी कर कहा कि उन्होंने इस्लाम के अपमान का बदला लेने के लिए इस वारदात को अंजाम दिया. आईए जानते हैं इस वारदात की पूरी टाइमलाइन...
 
- इस पूरे विवाद की शुरुआत जून के पहले हफ्ते में हुई थी. बताया जा रहा है कि कन्हैयालाल के मोबाइल से नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट की थी. इसके बाद कन्हैयालाल का स्थानीय लोगों ने विरोध किया. 
- 11 जून को कन्हैयालाल के पड़ोसी नाजिम ने कन्हैयालाल के खिलाफ मामला दर्ज कराया. पुलिस ने कन्हैयालाल को गिरफ्तार किया. हालांकि, कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई. 

15 जून को पुलिस के पास पहुंचे कन्हैयालाल

टेलर कन्हैयालाल ने 15 जून को पुलिस को पत्र लिखकर अपनी हत्या की आशंका जताई थी और सुरक्षा मांगी थी. हालांकि, पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई. ऐसे में अब पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं. कन्हैयालाल ने 15 जून को पुलिस को दिए शिकायत पत्र में लिखा था कि 5-6 दिन पहले मोबाइल पर इंटरनेट के जरिए उनके बेटे से गेम खेलते वक्त आपत्तिजनक पोस्ट हो गई थी. लेकिन दो दिन बाद कुछ लोग उनके दुकान पर आए और मोबाइल से आपत्तिजनक पोस्ट के बारे में जानकारी दी. इसके बाद मैंने पोस्ट डिलीट कर दी. कन्हैयालाल ने आगे लिखा, मेरे खिलाफ 11 जून को मेरे पड़ोसी द्वारा मामला दर्ज कराया गया. 

कन्हैयालाल ने पुलिस को दी शिकायत में कहा था कि नाजिम और उसके साथ 5 लोग उसकी दुकान की रेकी कर रहे हैं. मुझे दुकान नहीं खोलने दे रहे हैं. मेरी दुकान खुलते ही ये लोग मुझे जान से मारने की कोशिश करेंगे. नाजिम ने मेरा फोटो सोशल मीडिया ग्रुप में वायरल कर दिया है. सबसे कह दिया है कि ये व्यक्ति अगर कहीं दिखे या दुकान पर आए तो जान से मार देना. ये लोग दबाव बना रहे हैं कि अगर मैंने दुकान खोली, तो मुझे जान से मार दिया जाएगा. इतना ही नहीं कन्हैयालाल ने नाजिम समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की थी. साथ ही सुरक्षा मांगी थी. 

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15 जून को ही पुलिस ने कराया समझौता

पुलिस का दावा है कि कन्हैयालाल की शिकायत के बाद पुलिस ने दोनों पक्षों का समझौता करा दिया था. समझौते के आवेदन पर कन्हैयालाल और दूसरे पक्ष के लोगों के हस्ताक्षर भी थे. आवेदन में नाजिम ने कहा था, मैंने कन्हैयालाल के खिलाफ लिखित में शिकायत दर्ज कराई थी. इस पर कानूनी कार्रवाई पूर्ण हो चुकी है. अब मेरा कन्हैयालाल से कोई लेना देना नहीं है. 

28 जून को हुई हत्या

कन्हैयालाल की उदयपुर में भूतमहल के पास सुप्रीम टेलर्स नाम से दुकान थी. कन्हैया लाल गोर्वधन विलास इलाके के रहने वाले थे. कन्हैयालाल ने मंगलवार को 6 दिन बाद अपनी दुकान खोली थी. तभी दो युवक उनकी दुकान पर कपड़े सिलवाने के बहाने से आए. आरोपियों ने कन्हैया कुमार पर हमला कर दिया और उनकी हत्या कर दी. राजस्थान एसआईटी ने इस मामले में दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी है. 

कौन हैं आरोपी?

आरोपियों की पहचान गौस मोहम्मद और रियाज के तौर पर हुई है. बताया जा रहा है कि कन्हैयालाल के हत्यारे रियाज और मोहम्मद गौस मुस्लिम कट्टरपंथी संगठन दावते इस्लाम से जुड़े हैं. दावते इस्लामी पाकिस्तान के कराची से चलने वाली चैरिटी के नाम पर बनी संस्था है. यह दुनिया भर में सुन्नी कट्टरपंथ को बढ़ावा देते हैं. इसके लिए दुनिया भर में ऑनलाइन कोर्स चलाए जाते हैं. रियाज उदयपुर के खाजिपिर में रहकर मस्जिद में खिदमत का काम करता था. गौस राजसमंद के भीम का रहनेवाला है. यह वेल्डिंग और प्रोपर्टी का काम करता था. दोनों आरोपी दावते इस्लामी के ऑनलाईन कोर्स से जुड़े थे

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