जयपुर के दूदू में बुधवार दोपहर राजस्थान रोडवेज की एक बस में बड़ा विवाद हो गया. ट्रांसजेंडर एडवोकेट रवीना सिंह ने कंडक्टर द्वारा महिला कैटेगरी में टिकट जारी करने पर कड़ा विरोध जताया. उनका कहना था कि जब उनका अपना जेंडर है, तो उन्हें महिला या पुरुष कैटेगरी में टिकट क्यों दिया जा रहा है.
रवीना जयपुर से जोधपुर जा रही थीं. बस में बैठने पर उन्होंने कंडक्टर को 500 रुपये दिए. कंडक्टर ने कहा कि उसकी टिकट मशीन में केवल पुरुष और महिला के ही विकल्प हैं, इसलिए वह मजबूरन महिला कैटेगरी का टिकट जारी कर रहा है. इसी बात पर रवीना नाराज हो गईं और बहस शुरू हो गई.
राजस्थान रोडवेज बस में विवाद
विवाद बढ़ने पर कंडक्टर बस को यात्रियों समेत दूदू पुलिस थाने ले गया. थाने में पुलिस अधिकारियों ने दोनों पक्षों को समझाया और मामला शांत कराया. इसके बाद बस को आगे रवाना कर दिया गया. दूदू थाना प्रभारी मुकेश कुमार ने बताया कि मामला टिकट में जेंडर विकल्प को लेकर गलतफहमी के कारण बढ़ा था. समझाने के बाद दोनों पक्ष मान गए.
पुलिस ने मामला शांत कराया
पाली जिले के सोजत की रहने वाली रवीना पहले लड़के के रूप में पहचानी जाती थीं और उनका नाम रविंद्र सिंह था. जेंडर परिवर्तन के बाद उन्होंने रवीना सिंह नाम अपनाया. बीकानेर से एलएलबी करने के बाद उन्होंने 2 अगस्त 2025 को राजस्थान बार काउंसिल में वकील के रूप में पंजीकरण कराया. रवीना का दावा है कि वह राजस्थान हाईकोर्ट की पहली ट्रांसजेंडर वकील हैं.