scorecardresearch
 

राजस्थान के श्रीगंगानगर में मिला 7 फीट लंबा संदिग्ध ड्रोन, सुरक्षा एजेंसियों ने शुरू की जांच, बॉर्डर एरिया में हाई अलर्ट

राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में भारत-पाकिस्तान सीमा के पास एक संदिग्ध ड्रोन मिलने से सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं. करीब 7 फीट लंबा यह ड्रोन गुरुवार सुबह खेत में देखा गया. ड्रोन का कैमरा मॉड्यूल टूटा हुआ और अलग था. पुलिस और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने मौके पर पहुंचकर ड्रोन को जब्त कर जांच शुरू कर दी है.

Advertisement
X
श्रीगंगानगर जिले में दिखा ड्रोन. (Representational image)
श्रीगंगानगर जिले में दिखा ड्रोन. (Representational image)

राजस्थान में अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे श्रीगंगानगर जिले के अनूपगढ़ क्षेत्र में आज सुबह एक संदिग्ध ड्रोन मिला. इसके बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गईं. स्थानीय ग्रामीणों ने खेत में पड़े इस ड्रोन को देखा और तुरंत पुलिस को सूचना दी. घटना की गंभीरता को देखते हुए बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) और पुलिस ने पूरे इलाके को घेर लिया है और जांच जारी है.

Advertisement

एजेंसी के अनुसार, अनूपगढ़ थाना प्रभारी ईश्वर जांगिड़ ने बताया कि सुबह करीब 9:45 बजे ग्रामीणों से सूचना मिलने पर वे पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और BSF को भी तुरंत सूचित किया. घटनास्थल पर मिले ड्रोन की लंबाई लगभग 5 से 7 फीट है. ड्रोन का कैमरा मॉड्यूल टूटा हुआ था और उससे अलग हो चुका था, जिससे उसकी निगरानी क्षमता को नुकसान पहुंचा है.

यह भी पढ़ें: लद्दाख में कई गुना बढ़ी भारत की ताकत, चीनी घुसपैठ पर निगरानी के लिए मिला ड्रोन

सावधानी बरतते हुए पुलिस ने बम निरोधक दस्ते को भी मौके पर बुलाया. पूरे क्षेत्र की गहनता से तलाशी ली जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि ड्रोन के साथ कोई विस्फोटक या अन्य संदिग्ध वस्तु तो नहीं है. पुलिस ने ड्रोन को कब्जे में ले लिया है और उसे फॉरेंसिक और तकनीकी जांच के लिए भेजा जाएगा.

Advertisement

सूत्रों के मुताबिक, यह मामला काफी संवेदनशील माना जा रहा है, क्योंकि श्रीगंगानगर पाकिस्तान की सीमा से सटा हुआ जिला है. सुरक्षा एजेंसियां यह जांच कर रही हैं कि यह ड्रोन सीमा पार से भेजा गया था या किसी सैन्य अभ्यास के दौरान दिशा भटककर यहां आ पहुंचा. हाल के दिनों में भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव को देखते हुए सुरक्षा बल पहले से ही अलर्ट पर हैं.

यह भी पढ़ें: पहली ड्रोन वॉर कब और कैसे लड़ी गई? जानिए कैसे जंग का सबसे खतरनाक हथियार बन गए ड्रोन

SHO ईश्वर जांगिड़ ने कहा कि सीमा के पास इस तरह के संदिग्ध ऑब्जेक्ट का मिलना चिंता का विषय है. हम इसके मकसद का पता लगाने के लिए हर एंगल से जांच कर रहे हैं. BSF और पुलिस द्वारा इलाके में लगातार गश्त बढ़ा दी गई है और आसपास के गांवों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है.

फिलहाल तकनीकी विश्लेषण की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी. सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि इस घटना को हल्के में नहीं लिया जा सकता, क्योंकि ड्रोन का उपयोग अक्सर सीमा पार से निगरानी, हथियार या ड्रग्स की तस्करी जैसे कार्यों में किया जाता रहा है. राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में सुरक्षा एजेंसियां पहले से ही ड्रोन गतिविधियों को लेकर सतर्क हैं.

Live TV

Advertisement
Advertisement