सवाई माधोपुर स्थित रणथंभौर टाइगर रिजर्व से बीते दिनों लगातार बाघिन कनकटी के आतंक की वजह से दुखद खबरें सामने आ रही थीं, लेकिन अब वन्यप्रेमियों के लिए एक सुखद और राहत भरी खबर सामने आई है. रणथंभौर की फलौदी रेंज में घूमने वाली बाघिन RBT 2302 ने तीन शावकों को जन्म दिया है.
बाघिन और उसके तीन शावकों की तस्वीरें भी सामने आ गई हैं, जिनकी वन विभाग ने पुष्टि कर दी है. इन तस्वीरों में बाघिन अपने शावकों के साथ देवपुरा वन क्षेत्र में नजर आ रही है. स्थानीय ग्रामीणों ने बाघिन और शावकों को एक साथ देखा और तुरंत इस बारे में वन विभाग को जानकारी दी.
बाघिन के मां बनने की खबर के बाद वन विभाग सतर्क हो गया है. बाघिन और उसके नवजात शावकों की निगरानी और ट्रैकिंग के लिए देवपुरा वन क्षेत्र में कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं. वन अधिकारियों के अनुसार, इन कैमरा ट्रैप के जरिए बाघिन की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है, ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
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बाघिन RBT 2302, रणथंभौर की चर्चित बाघिन T-114 नूरजहां और बाघ T-108 जय की बेटी है. लगभग ढाई साल की उम्र की इस बाघिन ने पहली बार शावकों को जन्म दिया है. यह रणथंभौर में बाघों की संख्या में वृद्धि के लिहाज से सकारात्मक संकेत है.
जहां एक ओर बाघिन कनकटी के हमलों से वन्यजीवों और ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ था, वहीं RBT 2302 के शावकों के जन्म ने इस टाइगर रिजर्व में नए जीवन की दस्तक दी है. यह न केवल जैव विविधता के संरक्षण की दिशा में एक शुभ संकेत है, बल्कि रणथंभौर की पारिस्थितिकी और पर्यटन दोनों के लिए उत्साहजनक खबर है. अभी शावकों की उम्र बहुत कम है, इसलिए वन विभाग इनकी सुरक्षा और निगरानी को लेकर पूरी तरह सतर्क है. किसी भी मानवीय हस्तक्षेप से बचने की अपील की गई है. रणथंभौर टाइगर रिजर्व से यह खबर एक नई शुरुआत की तरह है, जो न सिर्फ वन्यजीव प्रेमियों बल्कि पूरे राजस्थान और देश के लिए गर्व की बात है.