उदयपुर में स्कूली छात्र की चाकूबाजी में मौत के बाद हालात पटरी पर आ रहे हैं. जिस स्कूल में घटना हुई थी, बुधवार को उसे भी खोल दिया गया. स्कूल में चाकूबाजी की घटना का शिकार देवराज भले ही पंचतत्व में विलीन हो गया हो, लेकिन उस घटना का असर अब भी देवराज के स्कूल पर हावी है.
बुधवार को प्रशासनिक आदेश के बाद सुबह 7:30 बजे तय वक्त पर स्कूल खोल दिया गया. 4 दिन के बाद खोले गए स्कूल में वहां का आंखों देखा हाल आप तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. 16 अगस्त की घटना के बाद स्कूल को बंद कर दिया गया था.
शहर के हालात सामान्य, लेकिन स्कूल में सन्नाटा
शहर के हालात भले ही सामान्य हो गए, पर देवराज की पाठशाला में पसरा सन्नाटा हालात की गंभीरता को बयां कर रहा है. शिक्षा विभाग ने स्कूल की प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया है, जबकि क्लास टीचर पर भी कार्रवाई की गई है.
घटना के दिन मृतक देवराज को उसके दोस्त ही प्रिंसिपल की स्कूटी पर अस्पताल लेकर गए थे, लेकिन स्कूल स्टाफ की ओर से कोई भी हॉस्पिटल नहीं पहुंचा. देवराज हत्याकांड के मामले को लेकर उदयपुर के जिला शिक्षा अधिकारी ने एक कमेटी गठित कर मामले की जांच कराई. इसके बाद स्कूल प्रशासन की इसमें बड़ी लापरवाही और संवेदनहीनता सामने आई.
मामले में शिक्षा विभाग ने माना है कि यह घटना होना चिंता का विषय है. स्कूल प्रशासन को विद्यार्थियों के बैग नियमित चेक करने चाहिए. उन्होंने यह भी माना कि घायल बच्चे को अस्पताल ले जाने में काफी देरी हुई. इन सब रिपोर्ट के बाद स्कूल की प्रिंसिपल इशा धर्मावत को सस्पेंड कर दिया गया. उनका निलंबन काल मुख्यालय बीकानेर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय रहेगा.
वहीं जिस स्कूल में 4 दिन पहले बच्चों की चहल कदमी देखी जा रही थी और बच्चे क्लासों में पढ़ते नजर आते थे. स्कूल खुलने के बाद महज एक छात्र पढ़ने के लिए पहुंचा. कुछ देर रुकने के बाद उसके पिता वापस उसे घर लेकर लौट गए.
सदमे में हैं स्कूल के स्टाफ
गौरतलब है कि इस स्कूल में 169 छात्रों का नामांकन है. स्कूल के स्टाफ अभी भी देवराज हत्याकांड के बाद गहरे सदमे में नजर आए. सभी के चेहरे पर खामोशी छाई थी. अमूमन सुबह के वक्त जिस मैदान में प्रार्थना होती थी, वह वीरान था. कक्षाएं खाली पड़ी थी. हालांकि, बुधवार को भारत बंद का असर भी देखा गया है.
देवराज की कक्षा में नहीं पहुंचे कोई छात्र
दसवीं कक्षा के जिस कमरे में देवराज बैठता था, वहां सन्नाटा छाया था. इस कमरे में रोजाना 18 बच्चे बैठा करते थे. स्कूल स्टाफ के मुताबिक देवराज सबसे आगे वाली पंक्ति में बैठता था. वहीं आरोपी छात्र सबसे पीछे बैठता था. स्कूल अध्यापक ने बताया कि चाकूबाजी वाली घटना वाले दिन देवराज ने आखिरी क्लास अंग्रेजी की अटेंड की थी.
स्कूल के पास की गलियां थी वीरान
वहीं भट्टियानी चौहट्टा स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के आसपास की गलियां भी सुनसान और वीरान नजर आई. इसके साथ ही स्कूल का पूरा परिसर सुनसान नजर आया. स्कूल के अध्यापकों से जैसे ही पूरे घटनाक्रम का जिक्र किया, तो वहां मौजूद स्टाफ ने कैमरे पर बात करने से इनकार कर दिया.
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फूट-फूटकर रोई शिक्षिका
आपसी बातचीत के बाद एक शिक्षिका फूट-फूट कर रोने लगी. स्टाफ एक-दूसरे से इस पूरे घटनाक्रम को लेकर ही बात करते हुए देखे गए. जानकारी में सामने आया है कि स्कूल में करीब 18 अध्यापक और अध्यापिका अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
प्रिंसिपल ने बात करने से किया इनकार
स्कूल की निलंबित प्रिंसिपल ईशा धर्मावत से भी बातचीत करने की कोशिश की, तो उन्होंने कहा कि मेरा फिलहाल निलंबन हो गया है, मैं इस बारे में कोई बात नहीं करना चाहती हूं. उन्होंने अपने उच्च अधिकारियों से भी बात की, जिन्होंने बात करने से इनकार कर दिया.