राजस्थान की कोचिंग नगरी कोटा में पढ़ाई करने आए छात्र हेपाटाइटिस बिमारी से ग्रस्त हो रहे हैं. इसके चलते एक छात्र की मौत भी हो चुकी है. वहीं अब तीन और छात्रों में इस बीमारी पुष्टि हुई है. दरअसल, जवाहर नगर इलाके के एक कोचिंग इंस्टीट्यूट के तीन और छात्रों में हेपेटाइटिस ए की पुष्टि हुई है, जिससे इस बीमारी की चपेट में आने वाले छात्रों की संख्या 44 हो गई है. कोटा जिला प्रशासन ने इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय को एक रिपोर्ट भी सौंपी है, जिसके तीन दिन बाद एक नीट छात्र की इलाज के दौरान संक्रमण से मृत्यु हो गई थी.
कोटा जिला कलेक्टर ओपी बंकर ने जिन दूषित जगहों पर दूषित पानी मिला है, वहां के कोचिंग संस्थान और हॉस्टलों के प्रबंधन से आरओ का पानी इस्तेमाल करने को कहा है. एक सर्वे के दौरान जवाहर नगर में केवल एक ही कोचिंग संस्थान के छात्र ही इससे प्रभावित पाए गए हैं. डिप्टी सीएमएचओ घनश्याम मीणा ने बताया कि पूछताछ के दौरान पता चला कि यहां टैंकरों से पानी की आपूर्ति की जा रही थी.
उन्होंने कहा कि पानी का सैंपल लिया गया था, जो दूषित पाया गया है. छात्रों ने बताया कि वे कोचिंग सेंटर में वही पानी पीते थे और पानी की बोतलें भी हॉस्टल से ले जाते थे.
एडीएम बृजमोहन बैरवा ने कहा कि सीएमएचओ की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, संक्रमण के पीछे दूषित पानी संभावित कारण है. जिला कलेक्टर ने कोचिंग संस्थान के निदेशक और हॉस्टलों के प्रबंधकों को पत्र लिखा है कि वे पानी के सैंपल की जांच कराकर आरओ का इस्तेमाल करें. यह पूछे जाने पर कि मामले में क्या कार्रवाई की जा सकती है, कोटा के जिला कलेक्टर ओपी बंकर ने कहा कि मामले की जांच अभी जारी है.