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अयोग्य आवेदकों ने भर्ती परीक्षा का फॉर्म भरा तो होगी FIR, RSSB का बड़ा फैसला

आलोक राज ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में हमने पाया कि कुछ लोग कई कारणों से किसी परीक्षा के लिए अपात्र थे, चाहें वो फिर आयु सीमा को लेकर हो या फिर डिग्री को लेकर. वो भी e मित्र के जरिये आवेदन कर रहे थे. जिसका कारण सिर्फ यह हो सकता है कि या तो यह लोग किसी तरह का फर्जीवाड़ा करने की फिराक में थे या बस फॉर्म भर देते थे.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSSB) ने सरकारी भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए अयोग्य आवेदकों के खिलाफ जल्द ही केस दर्ज कराने का निर्णय लिया है. RSSB चेयरमैन मेजर जनरल (रिटायर्ड) आलोक राज ने बताया कि कुछ दिन पहले ही बोर्ड ने साफ कर दिया था कि जो लोग बोर्ड की ओर से आयोजित परीक्षा के लिए अयोग्य हैं वे अपना नाम वापस लें अथवा उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.

आलोक राज के अनुसार बोर्ड के कड़े रुख को देख तकरीबन 6,000 से अधिक ऐसे लोगों ने जिन्होंने अपात्र होने के बावजूद अलग-अलग परीक्षाओं में आवेदन किया था अपने-अपने आवेदन निरस्त कर लिए.

कुछ छात्र फर्जीवाड़ा करने की फिराक में भरते थे फॉर्म
आलोक राज ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में हमने पाया कि कुछ लोग कई कारणों से किसी परीक्षा के लिए अपात्र थे, चाहें वो फिर आयु सीमा को लेकर हो या फिर डिग्री को लेकर. वो भी e मित्र के जरिये आवेदन कर रहे थे. जिसका कारण सिर्फ यह हो सकता है कि या तो यह लोग किसी तरह का फर्जीवाड़ा करने की फिराक में थे या बस फॉर्म भर देते थे.

बोर्ड के अनुसार ऐसे अपात्र आवेदकों को निष्कासित करने से राजस्व को 30 लाख से ज्यादा नुकसान से बचाया गया. अधिकारियों के अनुसार बोर्ड कई भर्ती परीक्षाओं का आयोजन करने जा रहा है, जिसमें 20 लाख से अधिक छात्रों के शामिल होने की उम्मीद है और इसलिए अयोग्य आवेदकों को हटाना जरूरी था.

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आलोक राज ने कहा कि बोर्ड सभी अयोग्य आवेदकों को समय पर अपने आवेदन वापस लेने की आखिरी चेतावनी देगा, जिसके बाद बोर्ड कानूनी कार्रवाई करने के लिए मजबूर होगा. उन्होंने यह भी कहा कि बोर्ड ने अतीत में परीक्षा के दौरान अक्सर पाया है कि कुछ आवेदक यह जानते हुए भी फॉर्म भरते हैं कि वे पात्रता मानदंडों से मेल नहीं खाते हैं.

बोर्ड के अनुसार इसका सिर्फ यही कारण हो सकता है कि ऐसे लोग या तो डमी उम्मीदवार बनके फर्जीवाड़ा करना चाहते थे या फिर परीक्षा केंद्रों पर छात्रों के साथ ठगी करने के विचार से फॉर्म भरते थे.

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दिशांक पुरोहित
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