राजस्थान के धौलपुर जिले के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों असामान्य दृश्य देखने को मिल रहे हैं. गांवों में ढोल-नगाड़ों की आवाज सुनकर ऐसा लगता है मानो चुनाव प्रचार शुरू हो गया हो, लेकिन यह चुनाव नहीं, बल्कि एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) अभियान का अनोखा तरीका है. अभियान में लगे कार्मिक सुबह से ढोल बजाकर सोए हुए मतदाताओं को बाहर बुला रहे हैं और उन्हें फॉर्म भरने के लिए जागरूक कर रहे हैं.
ग्राम पंचायत कोटपुरा में आज तक टीम ने ग्राउंड पर जाकर देखा कि कार्मिक घर-घर जाकर मतदाताओं को एसआईआर के महत्व के बारे में समझा रहे थे. ढोल की आवाज सुनकर बच्चे भी उनके पीछे-पीछे चल पड़ते थे, जबकि ग्रामीण अचानक इस पहल से हैरान हो जाते थे.
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ढोल की थाप पर जागरूकता अभियान जारी
सुबह करीब दस बजे से चार बजे तक गांवों की गलियों में ढोल की आवाज गूंजती रही. लोग घरों से बाहर निकलकर देखते तो कार्मिक मतदाता सूची सुधार के लिए समझाते नजर आए. कार्मिक ग्रामीणों से आग्रह करते रहे कि वे अपने फॉर्म समय से जमा कर दें, नहीं तो उनके नाम मतदाता सूची में शामिल होने से छूट सकते हैं.
जिन ग्रामीणों ने अभी तक प्रपत्र जमा नहीं किए थे, उन्होंने तुरंत फॉर्म भरकर कार्मिकों को सौंप दिए. इसी दौरान गांव के युवा और स्कूलों में ग्यारहवीं-बारहवीं में पढ़ने वाले छात्र भी बैनर-पोस्टर लेकर अभियान का हिस्सा बने.
कार्मिक बोले- कोई तनाव नहीं, बल्कि गर्व महसूस हो रहा है
अभियान में शामिल अतुल चौहान, अर्जुन सिंह और श्रीगोविंद ने बताया कि उन्होंने ढोल बजाकर ग्रामीणों को जागरूक किया और सभी फॉर्म निर्धारित समय में भरवा लिए. कार्मिकों का कहना था कि उन्हें इस काम में किसी तरह का तनाव या दबाव महसूस नहीं हुआ, बल्कि खुशी है कि वे देश की साफ-सुथरी मतदाता सूची बनाने में योगदान दे पा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि 99.5% से ज्यादा काम पूरा हो चुका है. शादी होकर आई महिलाओं की भाग संख्या, क्रम संख्या और विधानसभा क्षेत्र जैसी जानकारी भी फॉर्म में सही तरीके से भरवाई गई. कार्मिकों ने आधा दर्जन से अधिक गांवों में ढोल बजाकर यह अभियान सफलतापूर्वक पूरा किया.
'टीम भावना की जीत'- DM श्रीनिधि बीटी
धौलपुर की जिला निर्वाचन अधिकारी और कलक्टर श्रीनिधि बीटी ने एसआईआर अभियान की सफलता का श्रेय टीमवर्क को दिया. उन्होंने कहा कि यह केवल आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि संगठित कार्यप्रणाली का नतीजा है.
उन्होंने बताया कि जिले के 942 बूथों पर करीब 9 लाख 17 हजार मतदाताओं के एसआईआर की जिम्मेदारी थी. बाड़ी और बसेड़ी विधानसभा क्षेत्र में यह काम पहले ही पूरा हो चुका था और अब पूरे जिले में सौ फीसदी लक्ष्य हासिल कर लिया गया है. बीएलओ की मेहनत की वजह से यह संभव हो सका.
अब होगी एएसडी श्रेणी के मतदाताओं की गहन जांच
अधिकारियों के अनुसार, अब अगले चरण में अनमैप्ड मतदाता, एब्सेंट, शिफ्टेड और डेड कैटेगरी के मतदाताओं का भौतिक सत्यापन किया जाएगा. उद्देश्य यह है कि मतदाता सूची पूरी तरह त्रुटिरहित हो और किसी भी नाम में गलती न रह जाए.
निर्वाचन विभाग का कहना है कि लक्ष्य केवल नए नाम जोड़ना नहीं है, बल्कि एक ऐसी शुद्ध और विश्वसनीय मतदाता सूची तैयार करना है जिस पर चुनाव के दौरान कोई सवाल न उठे.