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राजस्थान में देश का सबसे बड़ा सोने का भंडार, 60 जगहों पर एक हजार टन गोल्ड, खनन के लिए फर्म ने जमा कराए 100 करोड़

राजस्थान में देश का सबसे बड़ा सोने का भंडार मिला है. राज्य के आदिवासी इलाकों के 26 गांवों में 60 जगहों पर इस गोल्ड माइनिंग का पता चला है. राजस्थान की पहली छोटी खदान जगपुरा-भूकिया की नीलामी हो गई है, जिस फर्म को ठेका मिला है उसने 100 करोड़ जमा करा दिए हैं.

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राजस्थान में मिला सोने का बड़ा भंडार (फाइल फोटो)
राजस्थान में मिला सोने का बड़ा भंडार (फाइल फोटो)

राजस्थान की धरती सोना उगलने जा रही है. राज्य के आदिवासी इलाकों में देश का सबसे बड़ा एक हज़ार टन का सोने का भंडार मिला है जिसका ब्लॉक बनाकर अब माइनिंग विभाग ऑक्शन कर रहा है. बांसवाड़ा के 9.4 वर्ग किलोमीटर में 222.39 टन सोने का पता लगाए जाने के बाद पहली छोटी खदान जगपुरा-भूकिया की नीलामी की गई है. खनिज अभियंता गौरव मीणा ने कहा कि जिस फर्म को ठेका मिला है उसने 100 करोड़ जमा करा दिए हैं. अब फर्म को एलओआई जारी होना है उसके बाद काम शुरू हो पाएगा. रतलाम की इस फर्म ने सरकार के साथ आठ हज़ार करोड़ का एमओयू किया है. कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और झारखंड के बाद अब राजस्थान सोने का खनन करने वाला चौथा राज्य हो गया है. 

कर्नाटक के भू वैज्ञानिक डॉ. वीएन वासुदेव की टीम को सोने की मात्रा पता करने की जिम्मेदारी दी गई थी. डॉ. वासुदेव की सौंपी रिपोर्ट के अनुसार हर साल बांसवाड़ा से लेकर उदयपुर के सलूम्बर तक फैले इलाके से 25 टन का सोना निकाला जा सकता है. भू वैज्ञानिक वासुदेव ने इस एरिया को चिह्नित कर एसजीएफ नाम दिया है. यह पूरा इलाका 1270 वर्ग किलोमीटर में फैला है. आदिवासी इलाकों के 26 गांवों के 60 स्थानों पर स्वर्ण भंडार का पता चला है.  

1990 में पहली बार मिले थे संकेत 

जगपुरा- भूतिया का इलाक़ा सबसे बड़ा है इसके अलावा सलूंबर के डूगोचा से लेकर घाटोल तक 1270 किलोमीटर के एरिया में प्लानिंग तेज़ी से की जा रही है. साल 1990 में पहली बार सोना खोजने के लिए हुए सर्वे में सोना होने के संकेत मिले थे जिसके 33 साल बाद सोना खनन का काम शुरू होना जा रहा है. मगर सोने के उत्पादन में अभी भी तीन से चार साल का समय लग सकता है.

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