राजस्थान के बाड़मेर में चाची की बेरहमी से हत्या करने वाले उसके ही जेठ के बेटे को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. पूरा घटनाक्रम बाड़मेर जिले के ग्रामीण थाना क्षेत्र के बांदरा गांव का है.
दरसअल, साल 2022 में 10 अप्रैल को महिला की हत्या हुई थी. इसके 9 दिन बाद मृतका का शव कंटीली झाड़ियों में मिला था. शव को जानवरों में पूरी तरह से नोच खाया था और केवल कंकाल ही मिला था. इस मामले में न्यायालय ने आरोपी मेघाराम को आजीवन कारावास और लूट के मामले में 10 साल की सजा सुनाई है.
एडीजे कोर्ट - 2 के लोक अभियोजक सुरेशचंद्र मोदी के अनुसार कोर्ट में सुनवाई के दौरान 23 गवाह, 87 डॉक्यूमेंट, 16 आर्टिकल पेश करने के बाद न्यायाधीश पीयूष चौधरी ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर आरोपी मेघाराम पुत्र दलाराम निवासी करणपुरा, चौखला को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजाई सुनाई है. वहीं लूट के मामले में उसे 10 साल की सजा सुनाई है.
जेठुते के साथ बाड़मेर गई थी चाची
बाड़मेर जिले के नागाणा थाने क्षेत्र के चौखला के निवासी भोमाराम ने 13 अप्रैल 2022 को थाने में अपनी पत्नी की गुमशुदगी दर्ज करवाई थी. रिपोर्ट में उसने बताया था कि उसकी पत्नी कमला अपने जेठुते (जेठ के लड़के) मेघाराम पुत्र दलाराम के साथ कपड़ों की खरीददारी के लिए बाड़मेर गई थी, लेकिन वापस नहीं लौटी. कमला के घर से निकलने के अगले 2 घंटे बाद से ही उसका फोन बंद आ रहा था.
बाप - बेटे को बदनाम कर रही थी चाची
इस मामले में पुलिस ने गुमशुदगी की शिकायत दर्ज की और कमला के मोबाइल को ट्रेस किया. जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने आरोपी मेघाराम को हिरासत के ले लिया. पुलिस की कड़ी पूछताछ के आरोपी मेघाराम ने बताया कि 'चाची कमला उसे और उसके पिता को किसी के साथ अफेयर होने की बात कहकर पूरे गांव के बदनाम कर रही थी. इसी वजह से वो काफी समय से चाची को ठिकाने लगाने की फिराक में था.'
पहले दबाया गला और फिर चेहरे पर ताबड़तोड़ वार
आरोपी ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि 10 अप्रैल को वह चाची कमला से मिला. चाची को बाड़मेर जाने के बारे में बताया तो चाची ने बाड़मेर चलने और कपड़े खरीदने की बात कही. इसी बात को लेकर दोनों एक साथ बाड़मेर के लिए रवाना हो गए. बांदरा गांव के पास बातचीत के दौरान दोनों के झगड़ा हो गया. फिर उसने चाची का गला घोंटा और चेहरे व मेरे मुंह पर ताबड़तोड़ वार कर उसकी हत्या कर दी. घटना के 2 दिन बाद ही आरोपी जोधपुर चला गया और वहां मोटरपंप को दुकान पर मजदूरी में लग गया. पुलिस ने आरोपी को वहीं से गिरफ्तार कर लिया था.
शव की बजाय मिला कंकाल
पुलिस की जांच से सामने आया कि महिला की हत्या 10 अप्रैल को हुई थी. लेकिन, उसका शव 9 दिन बाद 18 अप्रैल को मिला. तब तब जानवरों ने उसके शव को नोचकर कंकाल बना दिया था. आरोपी मेघाराम की निशानदेही के आधार पर ही पुलिस मृतक महिला के शव तक पहुंची. प्रकरण दर्ज होने के करीब साढ़े 3 साल तक कोर्ट में सुनवाई चली और अब बुधवार को नवंबर 2025 को न्यायालय ने आरोपी मेघाराम को दोषी करार मानते हुए उसे आजीवन कारावास के साथ लूट के मामले में 10 साल की सजा सुनाई है.