राजस्थान के बारां जिले के अंता विधानसभा क्षेत्र के संकली गांव में मंगलवार को हुए उपचुनाव के दौरान अनोखा नजारा देखने को मिला. जब पूरे क्षेत्र में मतदाता मतदान केंद्रों पर कतारों में खड़े थे, तब संकली गांव का मतदान केंद्र पूरी तरह खाली पड़ा रहा. यहां के 763 मतदाताओं में से सिर्फ एक व्यक्ति ने वोट डाला.
ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार करते हुए कहा कि यह कदम किसी उदासीनता का नहीं बल्कि नाराजगी का प्रतीक है. उनका कहना है कि गांव को अब तक मूलभूत सुविधाएं नहीं मिली हैं. हर बरसात में संकली को जोड़ने वाली पांचों सड़कें पानी में डूब जाती हैं, जिससे गांव का बाहरी संपर्क पूरी तरह टूट जाता है.
उपचुनाव के दौरान दिखा अनोखा नजारा
गांव के निवासी विनोद मीणा ने बताया कि हर साल बारिश में सड़कें डूब जाती हैं और हम कई दिनों तक गांव में फंसे रहते हैं. प्रशासन से कई बार शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. एक अन्य ग्रामीण सोनू ने कहा कि गांव में श्मशान तक जाने के लिए भी पक्की सड़क नहीं है. किसी की मौत होने पर शव को कीचड़ भरे रास्ते से ले जाना बेहद मुश्किल होता है.
अधिकारी घंटों करते रहे इंतजार
किसान हरिओम ने बताया कि यह फैसला अचानक नहीं लिया गया. हमने कई बार ज्ञापन दिए और अधिकारियों से मिले. यहां तक कि चुनाव से पहले भी चेतावनी दी थी कि अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो हम वोट नहीं देंगे. मतदान केंद्र पर पूरी शांति रही. अधिकारी घंटों इंतजार करते रहे, लेकिन ग्रामीणों ने मतदान नहीं किया. प्रशासन ने कहा कि अंता क्षेत्र के बाकी इलाकों में मतदान शांतिपूर्ण रहा और धीरे-धीरे मतदान प्रतिशत बढ़ा.