पटना में दशहरा दर्द छोड़ गया है. गांधी मैदान से उपजे शोक में शहर चीख रहा है. दर्द से दिल टूटे हैं. लोग हताश हैं. जो आंखें त्योहार के दिन चमक रही थीं उनमें आंसू तैर रहे हैं. पूरा शहर दुख से कराह रहा है. हर मोड़ पर दर्द अलग अलग तरीके से दिख रहा है. कहीं दर्द भरी चीत्कार है, तो दुख ने किसी को काठ बना दिया है.
Dussehra celebrations became nightmare for Patna people after Gandhi Maidan stampede.