वारदात में बात करेंगे कि निर्भया के दोषियों की फांसी के बारे में. जब कोई फांसी पर चढ़ने जा रहा होता है. जेलर उसके पास जाकर पूछता है बताओ कोई आखिरी ख्वाहिश है? वो अपनी ख्वाहिश बता भी देता है. लगता है चलो मामला खत्म. मगर ख्वाहिश पूछने के बाद फांसी की तारीख ही आगे बढ़ जाती है. लिहाज़ा कुछ दिन बाद जेलर फिर उसके पास जाता है. फिर नए सिरे से पूछता है बताओ कोई आखिरी ख्वाहिश है? अब ऐसे में फांसी पर चढ़ने वाले को गुस्सा आएगा कि नहीं? तिहाड़ जेल में फांसी की राह देख रहे निर्भया के चारों गुनहगारों के साथ फिलहाल कुछ ऐसा ही हो रहा है. हफ्ते के अंदर निर्भया के चारों गुनहगारों की मौत की तारीख दो बार बदल दी. लेकिन जिस तरह से चारों गुनहगार पूरी होशियारी से अपनी-अपनी लाइफ-लाइन का इस्तेमाल कर रहे हैं उसे देखते हुए अगर फांसी की तारीख आगे भी दो और बार बदल जाए तो हैरान होने की जरूरत नहीं है. देखें ये रिपोर्ट.