हाकिम और हुकूमतें अवाम को सुनहरे भविष्य का सपना दिखाकर जंग छेड़ती हैं. जंग थमती है तो कोई जीतने की खुशफहमी में डूबा रहता है, तो कोई हारने के गम में. जबकि सच्चाई ये है कि जंग में हमेशा ज़िंदगी ही हारती है. पर यहां तो हाकिम भी अपना, मुल्क भी अपना और अवाम भी अपनी. फिर भी अपने ही हाकिम ने अपने ही देश की जनता पर आसमान से ऐसा जहर बरसाया कि पल भर में सौ से ज्यादा लोग मौत के मुंह में समा गए. यहां सीरिया में हुए रासायनिक हमले की ही बात हो रही है.सीरिया के आसमान से रॉकेट ने गैस छोड़ा और उधर देखते ही देखते सौ से ज़्यादा लोग उसी पल मौत की आगोश में समा गए. अमेरिका की माने तो इस हमले के पीछे कोई और नहीं बल्कि खुद सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ही हैं. हालांकि खुद सीरियाई फौज के साथ-साथ उनके राष्ट्रपति बशर अल असद के हक में विद्रोहियों पर हमला करने वाले रूस ने इन इल्ज़ामों सिरे से खारिज कर दिया.