उन्हें लोग कल तक बाबा कहते थे, संन्यासी समझते थे और श्रद्धा से उनके आगे सिर झुकाते थे, लेकिन अब देखिए ऐसी घटनाएं, जिसके बाद विश्वास की नाजुक डोर से बंधे हाथ खुलना तय है. आंखों में आस्था की जगह भर गई नफरत, क्योंकि बंद कमरे का सच सामने आया, तो लोगों ने उन्हें गुरु की जगह गुरुघंटाल कहना शुरू कर दिया.