यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर का बाबा राघवदास अस्पताल पिछले दिनों बच्चों का कत्लखाना बन गया. दो दिनों में 66 बच्चों की मौत हो गई, सरकार और अस्पताल ने बहाना बनाया कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. लेकिन आजतक में देखिये वो सच, जिसे सरकार और अस्पताल दोनों ने दबाना चाहा. देखिये अस्पताल की अंधेरगर्दी बयान करती हमारी ये स्पेशल रिपोर्ट. गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज में तो गोरखधंधा हो रहा था. अस्पताल में ऑक्सीजन सिलिंडर की जो सप्लाई हो रही थी, वो मेडिकल ऑक्सीजन था ही नहीं. मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजीव मिश्रा ने सारे नियम-कानून ताक पर रखकर एक ऐसी फर्म को ऑक्सीजन सप्लाई का ठेका दे दिया था जिसके पास गोरखपुर में मेडिकल ऑक्सीजन का प्लांट ही नहीं है. सबको पता था कि लिक्विड ऑक्सीजन खत्म होने वाली है. सप्लाई बंद हो चुकी है और तुरंत कोई इंतजाम नहीं किया गया तो अस्पताल को बच्चों का मुर्दाघर बनने से कोई नहीं बचा सकता थे. जानबूझ कर बच्चों को मेडिकल ऑक्सीजन की जगह इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन चढ़ाई जा रही थी. यह इतना खतरनाक है कि आप कानूनन ऐसा कर ही नहीं सकते. इसका मतलब तो ये हुआ कि जानबूझकर बच्चों को मौत के मुंह में झोंका गया.